17 मई इतिहास के पन्नों में – आज के दिन – Today in History आज का इतिहास 17 मई को इतिहास में
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एक दिन शहंशाह अकबर दरबार मे अपने लोगों के साथ बैठे थे, तभी अचानक शहंशाह बोले – अकबर – हमारे दरबार मे
एक दिन शहंशाह अकबर ने अपनी रानी को बहुत बेष कीमती हार तोहफे में दिया। रानी उस बेष कीमती हार को देखकर
शहंशाह अकबर अपनी सल्तनत में सभी का बहुत अच्छे से ख्याल रखते थे। कोई उनकी सुविधाओं से वंचित न रहे जाए इसलिए
एक दिन शहंशाह अकबर नाई से अपनी हजामत बनबा रहे थे। तभी वह नाइ शहंशाह अकबर की तारीफ करने लगता है –
एक दिन की बात है जहाँ पनाह अकबर के दरबार मे सुबह-सुबह कोई सफाई कर रहा था। वो एक फूलदान की सफाई
एक दिन बादशाह अकबर के दरबार मे एक किसान आया, उसका नाम सैफ अली था। अकबर उससे कहतें हैं: अकबर – बोलो
अकबर बीरबल के किस्से बहुत ही मशहूर हुआ करते थे यह सुनने में रोचक भी होते थे साथ ही ज्ञान भी देते
एक दिन एक कवि किसी धनी आदमी से मिलने गया और उसे कई सुंदर कविताएं इस उम्मीद के साथ सुनाईं कि शायद
एक रात सोते समय बादशाह अकबर ने यह अजीब सपना देखा कि केवल एक छोड़कर उनके बाकी सभी दांत गिर गए हैं।
एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास
बादशाह अकबर के दरबार की कार्यवाही चल रही थी, तभी एक दरबारी हाथ में शीशे का एक मर्तबान लिए वहां आया। ‘‘क्या
एक दिन अकबर व बीरबल बाग में सैर कर रहे थे। बीरबल लतीफा सुना रहा था और अकबर उसका मजा ले रहे
एक दिन अकबर बादशाह के दरबारियों ने बादशाह से शिकायत की – ‘हुजूर! आप सब प्रकार के कार्य बीरबल को ही सौंप
बादशाह अकबर और बीरबल के बीच कभी-कभी ऐसी बातें भी हुआ करती थीं जिनकी परख करने में जान का खतरा रहता था।
एक दिन बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं थे। ऐसे में बीरबल से जलने वाले सभी सभासद बीरबल के खिलाफ बादशाह अकबर के
दोस्तों आप सब ने हिंदी में एक कहावत सुनी होगी “बीरबल की खिचड़ी पकाना “, क्या आप जानते हैं कि इस कहावत