अलिफ लैला – शहरयार और शहरजाद की शादी की कहानी
मंत्री अपनी बेटी शहजाद को कहानी सुनाता है ‘एक समय शहर में बहुत बड़ा व्यापारी हुआ करता था। गांव में उसके कई घर, पशुशालाएं और
मंत्री अपनी बेटी शहजाद को कहानी सुनाता है ‘एक समय शहर में बहुत बड़ा व्यापारी हुआ करता था। गांव में उसके कई घर, पशुशालाएं और
जुबैदा की कहानी सुनने के बाद खलीफा ने अमीना को अपना किस्सा सुनाने को कहा। अमीना ने कहा, “आप जुबैदा की कहानी सुन चुके हैं।
घर की मालकिन जुबैदा ने सहारा लेने के लिए आए सभी लोगों के बारे में थोड़ी-थोड़ी जानकारी हासिल करने के बाद ने मजदूर को अपनी
अब तक आपने पढ़ा कि सिंदबाद कैसे अपने जहाज से भटक कर एक नरभक्षी दानव और इंसान को जीवित निगलने वाले सांप के चंगुल में
खलीफा हारूं रशीद अपने राज्य के लोगों का सुख-दुख जानने के लिए अक्सर भेष बदलकर बगदाद की सड़कों पर घूमा करते थे। एक दिन उसने
पहले फकीर की कहानी सुनकर सब लोग हैरान थे। तभी जुबैदा ने दूसरे फकीर को अपना किस्सा सुनाने को कहा। दूसरे फकीर सुकेब ने बताया कि
बादशाह ग्रीक के कहने पर मंत्री ने उसे ‘अमात्य की कहानी’ सुनाने हुए कहा कि प्राचीन समय में एक राजा था जिसका इकलौता बेटा था।
दूसरे बूढ़े ने अपनी कहानी शुरू की। उसने बताया, ‘ये दोनों कुत्ते मेरे सगे भाई हैं। पिताजी ने मरते वक्त हम तीनों भाइयों को तीन
जब सिंदबाद ने अपनी दूसरी समुद्री यात्रा का वर्णन कर हिंदबाद को 400 दीनारें दी, तो अगले दिन दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया और
शहरजाद कहानी का आरंभ करते हुए कहती हैं कि बगदाद के खलीफा हारूं की एक आदत थी कि वह रात को भेष बदलकर प्रजा का
दशकों पहले भारत और चीन की तरह फारस भी एक देश था, जो अब ईरान के नाम से जाना जाता है। उस समय कई नरेश
खलीफा की आज्ञा के बाद जुबैदा ने अपनी कहानी सुनाते हुए बताया कि आपने मेरे घर पर उस दिन जो दो काले जानवर देखे थे,
रानी शहरजाद की कहानी खत्म होने पर उसकी छोटी बहन दुनियाजाद उससे नई कहानी सुनाने की जिद करने लगी। बहन दुनियाजाद के बार-बार आग्रह करने
रानी शहरजाद ने बादशाह शहरयार को मछुवारे की कहानी सुनाते हुए कहा कि किसी गांव में एक बुजुर्ग मुस्लिम मछुवारा रहता था। मछुवारा रोज नदी
सिंदबाद ने हिंदबाद को कहा, मैं अपनी पांचवीं यात्रा के एक साल बाद दोबारा यात्रा पर निकल पड़ा। जब मैंने दोबारा यात्रा करने की बात
सिंदबाद ने अपनी पहली जहाजी यात्रा की कहानी सुनाना शुरू किया। उसने बताया की वह बहुत अमीर था। उसके पास बहुत सारी पुश्तैनी दौलत थी।
राक्षस की अनुमति मिलते ही बुजुर्ग ने अपनी कहानी बतानी शुरू की। बूढ़ा बोला ‘ये हिरणी जो आप मेरे साथ देख रहे हैं, असल में
दैत्यराज की आज्ञा मिलते ही तीसरे बूढ़े ने अपनी कहानी बतानी शुरू की। उसने कहा, ‘आप सभी मेरे साथ जिस खच्चर को देख रहे हैं
कमर से ऊपर इंसानी शरीर और उसके नीचे काले पत्थर में तब्दील हो चुके नौजवान ने बादशाह को अपनी कहानी सुनाते हुए बताया कि वह
जिन्न ने जब पूछा कि भला आदमी कौन है और उसकी कहानी क्या है, तो दूसरे फकीर सुकेब ने उसका किस्सा सुनाते हुए जिन्न से
बहुत जमाने पहले मिस्र में एक न्यायप्रिय बादशाह रहता था। वह इतना शक्तिशाली था कि आस-पास के राजाओं को भी उसका खौफ था। उनका मंत्री
मछुवारे ने गागर में कैद राक्षस को ‘ग्रीक बादशाह और हकीम दूबां’ कहानी सुनाते हुए कहा कि फारस देश में रूमा नामक एक शहर था,
FEBRUARY 15, 2021 द्वारा लिखित NRIPENDRA अपने दूसरे भाई की कहानी सुनाने के बाद नाई ने अपने तीसरे भाई की कहानी सुनाई। नाई कहता है, मेरे तीसरे
शहरजाद ने बताया कि हैरन नगर का बादशाह अपने जीवन में काफी खुश था, लेकिन उसे इस बात का दुख था कि उसकी एक
यहूदी हकीम की कहानी खत्म होने के बाद बादशाह से दर्जी ने अपनी कहानी सुनाने के लिए आज्ञा मांगी। काशगर के बादशाह ने उसे कहानी
इस कहानी का बखान करने वाले का नाम है मलिका शहरजाद, जिसने अपनी बहन दुनियाजाद के कहने पर रात को यह कहानी सुनाई थी। इस
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि पहली यात्रा के दौरान मुझे कितनी परेशानियां झेलनी पड़ी थी तो इस बार मैंने तय किया कि व्यापार
शहरजाद कहानी सुनाती है, ‘बरसों पहले एक अत्यंत धनी व्यापारी हुआ करता था। उसके पास अथाह संपत्ति थी। दर्जनों शहरों में बड़ी-बडी कोठियां थी। गाड़ी-घोड़े,
दूसरे फकीर सुकेब के बाद जुबैदा ने तीसरे फकीर को अपनी कहानी सुनाने को कहा। तीसरे फकीर ने अपना किस्सा सुनाते हुए बताया कि मेरा
जुबैदा का इशारा मिलने के बाद पहले फकीर अदीब ने अपनी कहानी सुनाना शुरू किया। फकीर ने बताया कि मैं एक बादशाह का बेटा हूं
शहरजाद की कहानियों को सुनने में शहरयार को बहुत अच्छा लगता था। शहरयार को शहरजाद की हर एक कहानी रोचक और मजेदार लगती थी। शहरजाद
सिंदबाद बोला ‘मेरी दशा विचित्र थी। चाहे जितनी भी मुसीबत आन पड़े मैं कुछ दिनों के सुख के बाद उसे भूल जाता था और एक
लहसुन की चटनी खाने के बाद 100 बार हाथ धोकर बिना अंगूठे वाले आदमी ने अपनी कहानी सुनना शुरू किया। उसने कहा कि मैं बगदाद
नाई ने खलीफा हारूं रशीद को अपने सबसे बड़े भाई की कहानी सुनाते हुए बताया कि मेरे सबसे बड़े भाई का नाम बकबक था और
बादशाह ने चारों अंगूठे कटे हुए आदमी के बाद यहूदी हकीम को अपना किस्सा सुनाने को कहा। बादशाह का आदेश मिलते ही यहूदी हकीम ने
पहले भाई की कहानी सुनाने के बाद नाई ने अगले दिन खलीफा के सामने अपने दूसरे भाई की कहानी सुनाई। नाई ने कहा कि मेरे
बादशाह के कहने पर, ईसाई ने प्राणदंड से बचने के लिए अपनी कहानी शुरू की। ईसाई ने कहा कि ‘मैं मिश्र देश की राजधानी काहिरा
शहरजाद ने एक बार फिर शहरयार को नई कहानी सुननी शुरू की। यह कहानी इराक के दो शहर बगदाद और बसरा के बीच की है।
बादशाह का आदेश पाकर और दुनियाजाद के कहने पर शहरजाद ने अपनी अगली कहानी, जो गनीम और फितना के जीवन पर आधारित थी, सुनानी शुरू
बादशाह का आदेश पाकर शहरजाद ने अबुल हसन और हारूं रशीद की प्रेयसी शमसुन्निहर की कहानी शुरू की, जो कुछ इस प्रकार है: बगदाद में
सिंदबाद ने अपनी छठी कहानी सुनाने के बाद सातवीं और आखिरी कहानी सुनानी शुरू की। अपनी आखिरी कहानी सुनाते हुए सिंदबाद ने कहा, ‘मैंने निश्चय
काशगर के बादशाह को लंगड़े आदमी की कहानी के बाद दर्जी ने नाई की कहानी सुनाना शुरू किया। उसने बताया कि सालों पहले खलीफा हारूं
नाई ने चौथे भई की कहानी सुनाने के बाद अपने पांचवें भाई की कहानी सुनानी शुरू की। उसने कहा कि उसके पांचवें भाई का नाम
शहरजाद ने बादशाह शहरयार को अगली कहानी सुनाना शुरू किया। उसने बताया कि सालों पहले एक बादशाह बसरा में राज करता था। उसके पास सबकुछ
पांचवे भाई की कहानी पूरी करने के बाद नाई कहता है कि अब मैं आपको अपने छठे भाई कबक की कहानी सुनाऊंगा। कहानी पूरी करने
बादशाह ने जब ईसाई की कहानी को बेकार बताया, तो अनाज व्यापारी ने बादशाह से कहा कि अब मैं अपनी कहानी सुनाना चाहता हूं। मुझे
नाई की तरफ पीठ करके लंगड़े ने अपनी कहानी शुरू की। मेरे पिता बगदाद के जाने-माने लोगों में से एक थे। उन्होंने मुझे पढ़ा लिखाकर
अपने तीसरे भाई की कहानी सुनाने के बाद, नाई ने अपने चौथे भाई की कहानी सुनाई। नाई का चौथा भाई था, अलकूज जिसकी एक आंख
शहजादी ने जैनुस्सनम और हैरन के 49 शहजादों को कहानी सुनाना शुरू किया। उसने बताया कि मैं काहिरा के पास के द्वीप दरियाबार के बादशाह
अगले दिन शहरजाद ने बादशाह शहरयार को कमरुज्जमां और बदौरा की कहानी सुनानी शुरू की। उसने बताया कि फारस देश के पास ही खलदान राज्य