पाप केवल शरीर से नहीं मन से भी होता है।
एक बार भगवान बुद्ध के दो शिष्य उनसे मिलने जा रहे थे । पूरे दिन का सफर था । चलते-चलते रास्ते में एक नदी पड़ी
एक बार भगवान बुद्ध के दो शिष्य उनसे मिलने जा रहे थे । पूरे दिन का सफर था । चलते-चलते रास्ते में एक नदी पड़ी
एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं। जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई तो राजा को उसके विवाह के लिए योग्य वर
सुन्दरलाल एक धनी व्यापारी था। इसलिए नौकर-चाकरों की तो कमी थी नहीं। धीरे-धीरे उसने अपना सारा कार्य नौकरों पर ही छोड़ दिया और खुद कामचोर
एक बार गाँव के दो व्यक्तियों ने शहर जाकर पैसे कमाने का निर्णय लिया. शहर जाकर कुछ महीने इधर-उधर छोटा-मोटा काम कर दोनों ने कुछ
मैं किसी आफिस काम के लिए फ्लाइट से बैंगलोर से मुम्बई जा रहा था। यह विमान का इकोनॉमी क्लास था। जैसे ही मैं प्लेन में
एक समय की बात है। एक राजा घने जंगल में भटक गया। कई घंटों के बाद वह प्यास से व्याकुल होने लगा। तभी उसकी नजर
गाँधी जी एक बार अपनी यात्रा पर निकले थे. तब उनके साथ उनके एक अनुयायी आनंद स्वामी भी थे. यात्रा के दौरान आनंद स्वामी की
एक खेत में कुछ मजदूर काम कर रहे थे। एक गहनता काम करने के बाद वे बैठकर आपस में गप्पें मारने लगे। यह देखकर खेत
एक राजा थे। वन-विहार को निकले। रास्ते में प्यास लगी। नजर दौड़ाई एक अन्धे की झोपड़ी दिखी। उसमें जल भरा घड़ा दूर से ही दिख
एक गाँव था जिसका नाम मायापुर था। और गाँव की सुंदरता का तो कुछ कहना ही नहीं था। क्योंकि उस गांव के किनारे ही एक
एक संत भिक्षा में मिले अन्न से अपना जीवत चला रहे थे। वे रोज अलग-अलग गांवों में जाकर भिक्षा मांगते थे। एक दिन वे गांव
बात उस समय की है, जब स्वामी विवेकानंद अपने लोकप्रिय शिकागो धर्म सम्मेलन के भाषण के बाद भारत वापस आ गये थे। अब उनकी चर्चा
पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे
एक राजा था जिसे चित्रकला से बहुत प्रेम था। एक बार उसने घोषणा की कि जो कोई भी चित्रकार उसे एक ऐसा चित्र बना कर
एक बार गुरू ने अपने शिष्य को समझाते हुए, आम के पेंड की कहानी सुनाई – एक आम का वृक्ष था जिसमें ढ़ेर सारे आम
एक पहलवान जैसा, हट्टा-कट्टा, लंबा-चौड़ा व्यक्ति सामान लेकर किसी स्टेशन पर उतरा। उसनेँ एक टैक्सी वाले से कहा कि मुझे साईँ बाबा के मंदिर जाना
एक बगीचे में एक बाँस का झुरमुट था और पास ही आम का वृक्ष उगा खड़ा था। ऊँचाई में बाँस ऊपर था और आम नीचा।
एक समय की बात है। एक राजा घने जंगल में भटक गया। कई घंटों के बाद वह प्यास से व्याकुल होने लगा। तभी उसकी नजर
बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ में निर्णायक थीं- मंडन मिश्र
राजा पृथु एक दिन सुबह-सुबह घोड़ों के तबेले में जा पहुँचे। तभी वहाँ एक साधु भिक्षा मांगने आ पहँचा। सुबह-सुबह साधु को भिक्षा मांगते देख
एक युवक ने विवाह के बाद दो साल बाद परदेस जाकर व्यापार की इच्छा पिता से कही’ पिता ने स्वीकृति दी तो वह अपनी गर्भवती
बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती, उसे तो उसकी जड़ से मिटाना होता है। जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा तब
एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, “महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक
बहुत समय पहले की बात है , एक वृद्ध सन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था. वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की
एक प्राचीन प्रेरक कथा है। एक बार एक संत समुद्र किनारे टहल रहे थे। तभी अचानक जोर का तूफान आया। तूफान के प्रभाव से ऊंची
श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे; फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुआ, न ही राज्याभिषेक और
एक बार एक मोर था जो बहुत सुन्दर था, उसके पंख बेहद खूबसूरत थे। एक दिन खूब झम–झम बारिश हुई और मोर नाचने लगा। नाचते
यह घटना सन् 1492 की है, जब कोलम्बस अपनी महान यात्रा पर निकलने वाला था। चारों तरफ नाविकों में हर्षोल्लास का वातावरण था, परन्तु गांव
एक गरीब आदमी बड़ी मेहनत से एक एक-एक रूपया जोड़ कर मकान बनवाता है। उस मकान को बनवाने के लिए वह पिछले २० वर्षों से
एक बार एक ग्वालन दूध बेच रही थी और सबको दूध नाप नाप कर दे रही थी। उसी समय एक नौजवान दूध लेने आया तो
दो उल्लू एक वृक्ष पर आ कर बैठे थे। एक ने अपने मुंह में सांप को दबोच रखा था। दूसरा उल्लू एक चूहा पकड़ लाया
एक आदमी ने एक पेंटर को बुलाया अपने घर, और अपनी नाव दिखाकर कहा कि इसको पेंट कर दो ! उस पेंटर ने पेंट लेकर
बहुत दिन पहले किसी गांव में एक नाई रहता था। वह बहुत आलसी था। सारा दिन वह आईने के सामने बैठा टूटे कंघे से बाल
किसी गांव में बरगद का एक पेड़ बहुत वर्षों से खड़ा था। गांव के सभी लोग उसकी छाया में बैठते थे, गांव की महिलाएं त्यौहारों
एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है। पैरों में महँगे और नये जूते होने पर सोचता है कि क्या करूँ? यदि बाहर उतार
पुराने समय में किसी शहर में एक जौहरी रहता था, उसकी असमय मृत्यु हो गई। उसके परिवार में पत्नी और उसका एक बेटा था। जौहरी
एक ट्रैन में पिता पुत्र सफर कर रहे थे। 24 वर्षीय पुत्र खिड़की से देख रहा था। अचानक वो चिल्लाया देखो पापा पेड़ पीछे की
बहुत समय पहले की बात है जब सिकंदर अपने शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था वह अपनी शक्ति पर इतना
एक समय की बात है। एक पंडित जी कई वर्षों तक काशी में शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद गांव लौटे। पूरे गांव में शोहरत
एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, “महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक
एक राजा था जिसे चित्रकला से बहुत प्रेम था। एक बार उसने घोषणा की कि जो कोई भी चित्रकार उसे एक ऐसा चित्र बना कर
बहुत दिन पहले किसी गांव में एक नाई रहता था। वह बहुत आलसी था। सारा दिन वह आईने के सामने बैठा टूटे कंघे से बाल
एक व्यक्ति ने छोटे स्तर से काम शुरू किया और अपनी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों तक पहुंचा दिया। यह सब उसकी सच्चाई, ईमानदारी, लगन और
एक गरीब आदमी बड़ी मेहनत से एक एक-एक रूपया जोड़ कर मकान बनवाता है। उस मकान को बनवाने के लिए वह पिछले २० वर्षों से
बहुत समय पहले की बात है जब सिकंदर अपने शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था वह अपनी शक्ति पर इतना
प्रतापगढ़ के एक छोटे से गांव में नंदू नाम का एक बालक अपने निर्धन माता-पिता के साथ रहता था। एक दिन दो भाई अपनी फसल
बहुत समय पहले की बात है, किसी गाँव में शंकर नाम का एक वृद्ध व्यक्ति रहता था। उसकी उम्र अस्सी साल से भी ऊपर थी,
एक गाँव में एक मजदुर रहा करता था जिसका नाम हरिराम था | उसके परिवार में कोई नहीं था | दिन भर अकेला मेहनत में
एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, “महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक
एयर कमोडोर विशाल जेट पायलट थे। एक लड़ाई के मिशन में उनका लड़ाकू विमान एक मिसाइल द्वारा नष्ट हो गया था। हालाँकि उन्होंने खुद को