Mahatma Gandhi Facts in Hindi: गांधी जी के बारे में रोचक तथ्य
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए महात्मा गाँधी से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं-
- गांधीजी ने लंदन यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध लॉ कॉलेज इनर टेम्पल से क़ानून की पढ़ाई कर डिग्री हासिल की थी। वर्ष 1891 में गांधी जी को बार-एट-लॉ का सर्टिफिकेट जारी हुआ था।
- जब गांधीजी शुरुआत में बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत करने लगे तो वह अपना पहला केस हार गए थे।
- गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान 1899 के ‘एंग्लो बोअर युद्ध’ (Anglo–Boer War) में स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर मदद की थी। वहीं, उन्होंने पहली बार युद्ध की विभिषिका देखी थी।
- गांधीजी के दांत नकली थे। उनके पास नकली दांतों का एक सेट था। वह हमेशा अपने नकली दांतों को अपनी धोती में बांधकर रखते थे।
- बताया जाता है कि वर्ष 1921 से पहले गांधीजी पैंट-शर्ट पहना करते थे, लेकिन देश में फैली गरीबी और फटेहाल लोगों के पहनावे को देखने के बाद उन्होंने फिर कभी पूरे कपड़े नहीं पहने। इसके बाद उन्होंने आजीवन धोती ही पहनी।
- महात्मा गांधी के बड़े बेटे हीरालाल गांधी ने युवावस्था में इस्लाम धर्म अपना लिया था।
- गांधीजी कभी संयुक्त राज्य अमरीका नहीं गए और न ही कभी हवाई जहाज में बैठे।
- वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान एक मुट्ठी नमक बनाते हुए गांधीजी ने कहा था, “इस एक मुट्ठी नमक से मैं ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ें हिला रहा हूं।”
- वर्ष 1930 में गांधीजी को अमरीका की प्रतिष्ठित ‘टाइम मैगजीन’ ने Man of the Year की उपाधि से सम्मानित किया था।
- महात्मा गांधी को कभी नोबल पुरस्कार नहीं मिला किंतु वर्ष 1937, 1938, 1939, 1947 और 1948 में कुल पांच बार नोबेल पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार किया गया था।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में 53 बड़ी सड़कें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर हैं। जबकि विदेशों में भी 48 सड़कों का नाम महात्मा गांधी के नाम पर हैं।
- दिल्ली में गांधीजी की शवयात्रा में दस लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। महात्मा गांधी की शव यात्रा 8 किलोमीटर लंबी थी। यमुना किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
महात्मा गांधी के बारे में 10 रोचक बातें (Facts About Mahatma Gandhi in Hindi)
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए महात्मा गांधी के बारे में 10 रोचक बातें (Facts About Mahatma Gandhi in Hindi) इस प्रकार हैं-
- महात्मा की उपाधि– महात्मा गांधी को “महात्मा” की उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी।
- पहला सत्याग्रह आंदोलन- गांधीजी ने अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन दक्षिण अफ्रीका में 1906 में चलाया था, जहाँ वे भारतीयों के अधिकारों के लिए लड़े।
- साधारण जीवनशैली– वे बहुत ही साधारण जीवन जीते थे। वे स्वयं अपने कपड़े बुनते थे और खादी पहनने को प्रोत्साहित करते थे।
- गांधीजी और ट्रेन से जुड़ा किस्सा– दक्षिण अफ्रीका में पीटरमैरिट्ज़बर्ग रेलवे स्टेशन पर उन्हें केवल भारतीय होने के कारण प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर निकाल दिया गया था। इसी घटना ने उनके अंदर नस्लभेद के खिलाफ लड़ने की भावना को मजबूत किया।
- स्वतंत्रता संग्राम में योगदान– चंपारण सत्याग्रह (1917) और असहयोग आंदोलन (1920) जैसे आंदोलनों ने ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी।
- नमक सत्याग्रह (1930) – 12 मार्च 1930 को गांधीजी ने दांडी मार्च की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने 240 मील (385 किमी) पैदल यात्रा कर ब्रिटिश कानून का उल्लंघन कर नमक बनाया।
- नोबेल पुरस्कार कभी नहीं मिला– महात्मा गांधी को पांच बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन वे इसे कभी नहीं जीत पाए।
- गांधीजी के पसंदीदा मंत्र– रघुपति राघव राजा राम भजन उन्हें बहुत प्रिय था और वे इसे कई आंदोलनों के दौरान गाते थे।
- स्वास्थ्य और शाकाहार– वे न सिर्फ शुद्ध शाकाहारी थे, बल्कि उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा और उपवास को भी अपनाया।
- गांधी जी की हत्या– 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या कर दी। उनका अंतिम शब्द “हे राम!” बताया जाता है।
FAQs
महात्मा गांधी का दर्शन छह मुख्य सिद्धांतों पर आधारित था: सत्य (सत्य), जो सभी कार्यों में ईमानदारी और पारदर्शिता पर जोर देता है; अहिंसा (अहिंसा), संघर्षों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का सिद्धांत; स्व-शासन (स्वराज), स्वशासन और स्वतंत्रता की वकालत करना; सर्वोदय, जिसका अर्थ है सभी का कल्याण, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों का; सादगी, जो न्यूनतम जीवन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है; और ईश्वर में आस्था, जो उनके आध्यात्मिक और नैतिक विश्वासों का मार्गदर्शन करती है। इन सिद्धांतों ने उनके जीवन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को आकार दिया।
गांधी जी ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ लड़ाई में अहिंसक प्रतिरोध और नैतिक नेतृत्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण अद्वितीय थे। उन्होंने सत्याग्रह की शुरुआत की, जो शांतिपूर्ण विरोध का एक तरीका था जिसने दुनिया भर में नागरिक अधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया। उनकी सरल जीवनशैली, सत्य के प्रति समर्पण और बिना हिंसा के लाखों लोगों को संगठित करने की क्षमता ने उन्हें शांति और न्याय के वैश्विक प्रतीक के रूप में अलग पहचान दिलाई। उनके सिद्धांत दुनिया भर में सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों को प्रभावित करते रहते हैं।
महात्मा गांधी के शुरुआती और सबसे मशहूर नारों में से एक करो या मरो था जो उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान दिया था। इस नारे ने भारतीयों से आग्रह किया कि वे या तो ब्रिटिश शासन से आज़ादी हासिल करें या संघर्ष में अपना सब कुछ कुर्बान कर दें। यह लाखों लोगों के लिए एक नारा बन गया और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इसकी अहम भूमिका रही।
महात्मा गांधी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नेता और अहिंसक प्रतिरोध के अग्रदूत थे।
वे सत्य, अहिंसा और स्वशासन में विश्वास करते थे, जिससे दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरणा मिली।
दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे उनके आंदोलनों ने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने सादा जीवन जिया, खादी पहनी और भारतीयों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया।
30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गई, लेकिन उनके आदर्श आज भी दुनिया भर में लोगों को प्रेरित करते हैं।
महात्मा गांधी की बेटी नहीं थी, उनके चार बेटे थे।