“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers…

An Initiative by: Kausik Chakraborty.

“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers……….
An Initiative by: Kausik Chakraborty.

The Knowledge Library

विरुद्ध आहारः किसके साथ क्या खाएं और क्या ना खाएं

विरूद्ध आहार क्या है (What is Incompatible Foods) : 

कुछ खाद्य-पदार्थ तो स्वभाव से ही हानिकारक होते हैं। जबकि कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो अकेले तो बहुत गुणकारी और स्वास्थ्य-वर्धक होते हैं, लेकिन जब इन्हीं पदार्थों को किसी अन्य खाद्य-पदार्थ के साथ लिया जाए तो ये फायदे की बजाय सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं। ये ही विरुद्धाहार कहलाते हैं। विरुद्ध आहार का सेवन करने से कई तरह के रोग होने का खतरा रहता है। क्योंकि ये रस, रक्त आदि धातुओं को दूषित करते हैं, दोषों को बढ़ाते हैं तथा मलों को शरीर से बाहर नहीं निकालते।

 

कई बार आपको कुछ गंभीर रोगों के कारण समझ नहीं आते हैं, असल में उनका कारण विरुद्धाहार होता है। क्योंकि आयुर्वेद में कहा है कि इस प्रकार के विरुद्ध आहार का लगातार सेवन करते रहने से ये शरीर पर धीरे-धीरे दुष्प्रभाव डालते हैं और धातुओं को दूषित करते रहते हैं। अतः विरुद्धाहार कई तरह के रोगों का कारण बनता है। ये विरुद्धाहार अनेक प्रकार के होते हैं, जैसे-

 

1- देश की दृष्टि से विरुद्धाहार :  जैसे- नमी-प्रधान स्थानों में नमी वाले, चिकनाई युक्त, ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करना मना होता है।

 

2- मौसम की दृष्टि से विरुद्धाहार- जैसे- जाड़ों में ठंडी व रुखी चीजें खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है।

 

3- पाचक-अग्नि की दृष्टि से : जैसे- मन्द अग्नि वाले व्यक्ति को भारी, चिकनाई युक्त, ठण्डे और मधुर रस वाले या मिठास युक्त भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

4- मात्रा की दृष्टि से: जैसे- शहद और घी का समान मात्रा में सेवन करना विष के समान है, परन्तु अलग अलग मात्रा में सेवन करना अमृत माना गया है।

 

5- दोषों की दृष्टि से- जैसे- वात-प्रकृति वाले लोगों को वात बढ़ाने वाले पदार्थ और कफ-प्रकृति वाले लोगों को  कफ-वर्द्धक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

6- संस्कार या पाक की दृष्टि से- : जैसे- खट्टे पदार्थों को ताँबे या पीतल के बर्तन में पका कर खाना।

 

7-  वीर्य की दृष्टि से :  शीतवीर्य पदार्थों को उष्ण वीर्य पदार्थों के साथ खाना, जैसे – शीतवीर्य संतरा, मौसम्मी, अनानास आदि को दही अथवा लस्सी के साथ सेवन  करना।

 

8-  पाचन के आधार पर : कुछ लोगों का पाचन तंत्र बहुत ख़राब होता है जिसकी वजह से वे बहुत सख्त मल का त्याग करते हैं। आज के समय में अधिकांश लोग कब्ज़ से पीड़ित हैं और उन्हें मलत्याग करने में कठिनाई होती है। ऐसे लोगों को कब्ज़ बढ़ाने वाले, वात और कफ बढ़ाने वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें मलत्याग करने में बिल्कुल भी कठिनाई नहीं होती है। जिनके मल विसर्जन की क्रिया द्रव्य रूप में होती है। उन्हें सर व रेचक द्रव्यों का सेवन नहीं करना चाहिए।  

 

9- शारीरिक अवस्था की दृष्टि से- जैसे- अधिक चर्बी वाले अर्थात् मोटे व्यक्तियों द्वारा चिकनाई युक्त पदार्थों (घी, मक्खन, तेल आदि) का सेवन तथा कमजोर मनुष्यों द्वारा रूक्ष और हल्के (लघु) पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

10- निषेध की दृष्टि से- कुछ विशेष पदार्थों के सेवन के बाद उनके कुप्रभाव से बचने के लिए किसी अन्य विशेष पदार्थ का सेवन अवश्य करना चाहिए या उसके बाद किसी पदार्थ का सेवन एकदम नहीं करना चाहिए।  इस नियम का उल्लंघन करना निषेध की दृष्टि से विरुद्धाहार है। जैसे- घी के बाद ठण्डे जल आदि पदार्थों का सेवन करना, जबकि घी के बाद गर्म जल या गर्म पेय लेने का नियम है। गेहूँ व जौ से बने गर्म भोजन के साथ ठण्डा पानी पीना, भोजन के पश्चात् व्यायाम करना, इत्यादि।

 

11 – संयोग की दृष्टि से- कुछ पदार्थों को एक-साथ या आपस में मिला कर खाना संयोग की दृष्टि से विरुद्धाहार है, जैसे खट्टे पदार्थों को दूध के साथ खाना, दूध के साथ तरबूज व खरबूजा खाना, दूध के साथ लवण युक्त पदार्थों का सेवन करना।

 

12- रुचि की दृष्टि से- अच्छे न लगने वाले भोजन को विवशता से तथा रुचिकर भोजन को भी अरुचि से खाना।

इन सभी प्रकार के विरुद्ध आहारों के उदाहरण यहाँ प्रस्तुत किए जा रहे हैं-

 

किन चीजों के साथ क्या नहीं खाना चाहिए? (Food Combinations to Avoid) : 

  • दूध के साथ :  दही, नमक, मूली, मूली के पत्ते, अन्य कच्चे सलाद, सहिजन, इमली, खरबूजा, बेलफल, नारियल, नींबू, करौंदा,जामुन, अनार, आँवला, गुड़, तिलकुट,उड़द, सत्तू, तेल तथा अन्य प्रकार के खट्टे फल या खटाई, मछली आदि चीजें ना खाएं।

 

  • दही के साथ :  खीर, दूध, पनीर, गर्म पदार्थ, व गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा आदि ना खाएं।

 

  • खीर के साथ :  कटहल, खटाई (दही, नींबू, आदि), सत्तू, शराब आदि ना खाएं।

 

  • शहद के साथ: घी (समान मात्रा में पुराना घी), वर्षा का जल, तेल, वसा, अंगूर, कमल का बीज, मूली, ज्यादा गर्म जल, गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ, शार्कर (शर्करा से बना शरबत) आदि चीजं ना खाएं। शहद को गर्म करके सेवन करना भी हानिकारक है।

 

  • ठंडे जल के साथ- घी, तेल, गर्म दूध या गर्म पदार्थ, तरबूज, अमरूद, खीरा, ककड़ी, मूंगफली, चिलगोजा आदि चीजें ना खाएं।

 

  • गर्म जल या गर्म पेय के साथ- शहद, कुल्फी, आइसक्रीम व अन्य शीतल पदार्थ का सेवन ना करें।

 

  • घी के साथ– समान मात्रा में शहद, ठंडे पानी का सेवन ना करें।

 

  • खरबूजा के साथ- लहसुन, दही, दूध, मूली के पत्ते, पानी आदि का सेवन ना करें.

 

  • तरबूज के साथ–  ठण्डा पानी, पुदीना आदि विरुद्ध हैं।

 

  • चावल के साथ–  सिरका ना खाएं।

 

  • नमक- अधिक मात्रा में अधिक समय तक खाना हानिकारक है।

 

  • उड़द की दाल के साथ– मूली ना खाएं।

 

  • केला के साथ- मट्ठा पीना हानिकारक है।

 

  • घी- काँसे के बर्तन में दस दिन या अधिक समय तक रखा हुआ घी विषाक्त हो जाता है।

 

  • दूध, सुरा, खिचड़ी- इन तीनों को मिलाकर खाना विरुद्धाहार है। इससे परहेज करें.

 

इस प्रकार के विरुद्ध आहार के सेवन से शरीर के धातु और दोष असन्तुलित हो जाते हैं, परिणामस्वरूप अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। अतः इन सबका विचार करके ही खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

 

विरुद्ध आहार एवं उनसे होने वाले रोग :

जो लोग ऊपर लिखित विरुद्ध आहारों का सेवन करते रहते हैं, उनके धातु, दोष व मल आदि विकृत हो जाते हैं। वे निम्नलिखित अनेक प्रकार के रोगों का शिकार हो सकते हैं : 

  • चर्मरोग
  • फूड पॉयजनिंग
  • नपुंसकता
  • पेट में पानी भरना
  • बड़े फोड़े
  • भगन्दर
  • डायबिटीज
  • पेट से जुड़ी बीमारियां
  • बवासीर
  • कुष्ठ,सफेद दाग
  • टीबी
  • जुकाम

 

हितकारी खाद्य पदार्थ (Good Food Combination):

जिस प्रकार विरुद्धाहार के सेवन से हानि होती है और अनेक रोग उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है।  उसी प्रकार कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं, जिन्हें आपस में मिलाकर खाने से अधिक फायदा होता है। इन्हें हितकारी संयोग या गुड फ़ूड कॉम्बिनेशन कहा जाता है।

कुछ चीजें स्वभाव में बहुत भारी होती हैं और देर से पचती हैं। ऐसी चीजों को अगर आप उनके हितकारी संयोग वाली चीजों के साथ खाएं तो उन्हें पचाना आसान हो जाता है। ऐसा करने से अपच, एसिडिटी जैसी समस्याएं भी नहीं होती हैं।

कुछ प्रमुख हितकारी खाद्य पदार्थों ( गुड फ़ूड कॉम्बिनेशन ) की सूची इस प्रकार है।

 

खाद्य पदार्थ हितकारी खाद्य पदार्थ (जिस वस्तु से पाचन होता है)
उड़द छाछ
चना मूली
मूंग आंवला
अरहर कांजी
गेंहूं ककड़ी
मक्का अजवाइन
खिचड़ी सेंधा नामक
दूध मूंग का सूप
घी नींबू का रस (जम्बीरी नींबू)
आम दूध
केला घी
नारंगी गुड़
पिस्ता, अखरोट, बादाम लौंग
गन्ना अदरक

 

किसी खाद्य पदार्थ को ज्यादा खाने से होने वाले रोग और उनकी चिकित्सा :

 

 खाद्य पदार्थ   अधिक सेवन से होने वाले रोग           चिकित्सा
अंडे कफकारक, पित्त कारक  खुरासानी अजवाइन, हरा धनिया, हल्दी और प्याज
मछली और मांस पित्तकारक  नारियल, चूना और नींबू
लाल मांस ( मटन) दीर्घ[पाकी (देर में पचने वाला)  लाल मिर्च, लौंग
खट्टी मलाई कफकारक  जीरा या अदरक
पनीर पित्तकारक, कफप्रकोपक  काली मिर्च, लाल मिर्च
कुल्फी कफकारक, रक्ताधिक्यर  लौंग या इलायची
गेंहूं कफकारक  अदरक
चावल कफ कारक  लौंग या काली मिर्च के दाने
फली वाली सब्जियां वातकारक, पेट में गैस बनाने वाली   लहसुन, लौंग, काली मिर्च, लाल मिर्च
बंद गोभी वात कारक  सूरजमुखी के तेल में हल्दी और सरसों के बीज के साथ पकाकर खाएं।
लहसुन पित्तकारक  नारियल चूरा और नींबू
प्याज दाहकारक  लवण, नींबू, दधि और सरसों के बीज
आलू वातकारक  घी के साथ काली मिर्च के दाने
केला कफ कारक  इलायची
आम अतिसारकारक  घी के साथ इलायची का सेवन
कॉफ़ी (कैफीन) उत्तेजक  जायफल चूर्ण, इलायची का सेवन
चॉकलेट उत्तेजक  इलायची या जीरा
पॉपकॉर्न रुक्षताकारक और वातकारक  इसे घी के साथ खाएं
तम्बाकू पित्त प्रकोपक और वातकारक, उत्तेजक  ब्राम्ही, वचा मूल या अजवाइन बीज

 

अब आप विरुद्धाहार के बारे में काफी कुछ जान चुकें हैं। इन नियमों का अपने दैनिक जीवन में पालन करिये और स्वस्थ रहिये।

Sign up to Receive Awesome Content in your Inbox, Frequently.

We don’t Spam!
Thank You for your Valuable Time

Share this post