“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers…

An Initiative by: Kausik Chakraborty.

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MCQ on Hindustani Music Vocal

MCQ on Hindustani Music Vocal

1. अलंकार किस भाषा का शब्द है ?
(1)संस्कृत
(2)हिंदी
(3)फारसी
(4)उर्दू

उत्तर- संस्कृत

2. अलंकार के कितने भाग हैं?
(1) 4
(2) 3
(3) 1
(4) 2

उत्तर- 4 (स्थाई,आरोही,अवरोही ,संचारी)

3. सरल, अर्ध- जटिल ,जटिल, मेरूखंड – ये सब किसके वर्ग है ?
(1) आलाप
(2) तान
(3) अलंकार
(4) गमक

उत्तर – अलंकार

4. आलाप से क्या – क्या दर्शाया जा सकता है?
(1) राग की जाति
(2) राग का चलन
(3) राग का स्वरूप
(4) उपयुक्त सभी

उत्तर- उपयुक्त सभी

5. आलाप किस- किस तरह गाया जा सकता है?
(1) आकार के आलाप
(2) नोम तोम के आलाप
(3) शब्द के आलाप
(4) उपयुक्त सभी

उत्तर- उपयुक्त सभी

 

6. कौन- सी ख्याल गायन शैली आलाप प्रधान होती है?
(1) विलंबित ख्याल
(2) द्रुत ख्याल
(3) उपयुक्त दोनो
(4) इनमे से कोई नही

उत्तर- विलंबिल ख्याल

7. ‘तान’ संस्कृत की किस धातु का शब्द है?
(1) तान
(2) तन
(3) तः
(4) इनमे से कोई नही

उत्तर- तन

8. तान के कितने प्रकार हैं?
(1) 12
(2) 21
(3) 19
(4) 4

उत्तर – 19 प्रकार

9. आलाप और तान में किसका अंतर होता है?
(1) श्रुति
(2) लय
(3) स्वर
(4) राग

उत्तर- लय

10. एक स्वर की ध्वनि को दूसरे स्वर से बिना खंडित किए हुए मिलाना क्या कहलाता है?
(1) आलाप
(2) तान
(3) मींड
(4) गमक

उत्तर- मींड

11. मींड के कितने प्रकार होते हैं?
(1) 3
(2) 4
(3) 1
(4) 2

उत्तर- 2 (अनुलोम, विलोम)

12. सही मिलान कीजिये-
1 अनुलोम 1 अवरोही क्रम
2 विलोम 2सा से म मींड
3 मींड 3स्वरों पर उल्टा चिन्ह
4 अनुलोम 4 आरोही क्रम

(1) 1- 2, 2-3, 3-4, 4-1
(2) 1-3, 2-1, 3-2, 4-4
(3) 1-4, 2-1, 3-3, 4-2
(4) 1-4, 2-3, 3-1, 4-2

उत्तर- 1-4, 2-1, 3-3, 4-2

13.गमक की विशेषता तथा गमक के कितने प्रकार हैं?
(1) स्वरों का कम्पन्न – 12 प्रकार
(2) स्वरों का वक्र रूप- 19 प्रकार
(3) स्वरों का कंपन – 15 प्रकार
(4) स्वरों का कोमल रूप- 15 प्रकार

उत्तर- स्वरों का कंपन – 15 प्रकार

14. रूपक ताल में कितनी मात्राएं हैं?
(1) 7
(2) 14
(3) 10
(4) 16

उत्तर- 7

15. रूपक ताल में कितने कितने मात्राओ के कितने विभाग हैं?
(1) 2,3,2,3 मात्राओं के 4 विभाग
(2) 2,2,3 मात्राओ के 3 विभाग
(3) 3,2,2 मात्राओ के 3 विभाग
(4) 5,2,3,4 मात्राओ के 4 विभाग

उत्तर- 3,2,2 मात्राओ के 3 विभाग

16. रूपक ताल में कितनी ताली और खाली है?
(1) 1 ताली और 2 खाली
(2) 2 ताली और 2 खाली
(3) 0 ताली और 3 खाली
(4) 2 ताली और 1 खाली

उत्तर- 2 ताली(4 और 6 मात्रा पर) तथा 1 खाली( सम(1मात्रा) पर)

17. किस ताल में पहली मात्रा पर खाली(0) को लेकर विद्वानों में मतभेद है ?
(1) झपताल
(2) रूपक ताल
(3) धमार ताल
(4) इनमे से कोई नही

उत्तर- रूपक ताल

18. झप ताल में कितनी कितनी मात्राओं के कितने विभाग हैं?
(1) 2,3,2,3, मात्राओं के 4 विभाग
(2) 3,2,3,2 मात्राओं के 4 विभाग
(3) 5,2,3,4 मात्राओं के 4 विभाग
(4) 2,2,3,3 मात्राओं के 4 विभाग

उत्तर- 2,3,2,3 मात्राओं के 4 विभाग

19. झप ताल में सम को छोडकर कौन-कौन सी मात्राओं पर ताली तथा कौन-कौन सी मात्राओं पर खाली हैं?
(1) 3,8 पर ताली, 6 पर खाली
(2) 4,6, पर ताली, 2 पर खाली
(3) 6,11 पर ताली, 8 पर खाली
(4) उपयुक्त में से कोई नही

उत्तर- 3,8 पर ताली, 6 पर खाली

20. धमार ताल में कितनी कितनी मात्राओं के कितने विभाग हैं?
(1) 2-2 मात्राओ के 7 विभाग
(2) 4-4 मात्राओ के 4 विभाग
(3) 5,2,3,4 मात्राओ के 4 विभाग
(4) 2,3,4,5 मात्राओं के 4 विभाग

उत्तर- 5,2,3,4 मात्राओं के 4 विभाग

21. धमार ताल में कौन-कौन सी मात्राओं पर ताली तथा खाली आती हैं?
(1) 1,6,12 पर ताली, 8 पर खाली
(2) 1,5,11 पर ताली, 7 पर खाली
(3) 6,12 पर ताली, 5 पर खाली
(4) 1,6, 11 पर ताली, 8 पर खाली

उत्तर- 1,6,11 पर ताली, 8 पर खाली

22. धमार ताल मे अवग्रह चिन्ह(S) कितनी बार आता है?
(1) 2
(2) 3
(3) 1
(4) 4

उत्तर- 2 बार( 7वी और 14वी मात्रा पर)

23. संगीत रत्नाकर ग्रंथ के लेखक कौन है?
(1) पंडित आहोबल
(2) तम्बरू
(3) तानसेन
(4) पंडित शारंगदेव

उत्तर- पंडित शारंगदेव

24. संगीत रत्नाकर ग्रंथ का रचनाकाल क्या है?
(1) 16वी शताब्दी
(2) 17वी शताब्दी
(3) 13वी शताब्दी
(4) 12वी शताब्दी

उत्तर- 13वी शताब्दी

25. संगीत रत्नाकर ग्रंथ में कितने अध्याय हैं तथा इस अध्याय को क्या नाम दिया गया है?
(1) 8 अध्याय , अष्टाध्यायी
(2) 7 अध्याय ,सप्ताध्यायी
(3) 5 अध्याय, पंचाध्यायी
(4) इनमे से कोई नही

उत्तर- 7 अध्याय, सप्ताध्यायी

26. संगीत रत्नाकर के स्वराध्याय में किसके बारे में बताया गया है?
(1) स्वर
(2) श्रुति
(3) जातियां
(4) उपयुक्त सभी

उत्तर- उपयुक्त सभी

27. संगीत रत्नाकर ग्रंथ के रागविवेकाध्याय में कितने रागों का वर्णन मिलता है तथा इसमें कितने भाग बताये गए हैं?
(1) 264 राग, 10 भाग
(2) 265 राग , 9 भाग
(3) 134 राग, 10 भाग
(4) 264 राग, 12 भाग

उत्तर- 264 राग, 10 भाग

28. संगीत रत्नाकर ग्रंथ के प्रकिर्णकाध्याय में वाग्गेयकार के कितने लक्षण बताए गए हैं?
(1) 12
(2) 23
(3) 28
(4) 30

उत्तर- 28

29. संगीत रत्नाकर ग्रंथ के प्रबंध- अध्याय में संगीत को कौन-कौन से भागों में बांटा है?
(1) देशी और मार्गी संगीत
(2) निबद्ध और अनिबद्ध संगीत
(3) अल्पत्व और बहुत्व संगीत
(4) इनमे से कोई नही

उत्तर- देशी और मार्गी संगीत

30. संगीत रत्नाकर ग्रंथ के तालाध्याय में ताल के किस अंग के बारे में वर्णित नहीं किया गया?
(1) मात्राएँ, विभाग
(2) ताली , खाली
(3) उपयुक्त दोनो
(4) सभी अंग वर्णित हैं

उत्तर- सभी अंग वर्णित हैं

31. संगीत रत्नाकर ग्रंथ के वाद्याध्याय में मुँह से हवा फ़ूकते हुए बनाए जाने वाले वाद्य किस श्रेणी में रखे गए हैं?
(1) सुषिर वाद्य
(2) तत- वितत वाद्य
(3) घन वाद्य
(4) इनमे से कोई नही

उत्तर- सुषिर वाद्य

32. संगीत रत्नाकर ग्रंथ नृत्याध्याय में किसके बारे में बताया गया है?
(1) नृत्य
(2) नाट्य
(3) उपयुक्त दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- उपयुक्त दोनों

33. संगीत रत्नाकर ग्रंथ में स्वरों की कितनी श्रुतियां तथा जातियां मानी गई हैं ?
(1) 8 श्रुतियाँ 12 जातियां
(2) 12 श्रुतियाँ 18 जातियां
(3) 22 श्रुतियां 11 जातियां
(4) 22 श्रुतियां 18 जातियां

उत्तर- 22 श्रुतियां 18 जातियां

34. रागों को समय की दृष्टि से निर्धारित करने के लिए कितने सिद्धान्त माने गए हैं?
(1) 5
(2) 6
(3) 7
(4) 8

उत्तर- 6

35. रागों को गीत के अर्थ पर समय निर्धारण में कैसे समय निर्धारित किया जाता है ?
(1) गीत के स्वरूप पर
(2) गीत के स्वरों पर
(3) गीत के अर्थ पर
(4) गीत के चलन पर

उत्तर- गीत के अर्थ पर

36. बसंत राग तथा मेघ मल्हार राग जैसे रागों को समय निर्धारण में किस श्रेणी में रखा जाना चाहिए?
(1) गीत के अर्थ पर
(2) ऋतु के अनुसार
(3) उत्तरांग – पुर्वांग प्रबल अनुसार
(4) स्वर संयोग के अनुसार

उत्तर- ऋतु के अनुसार

37. उत्तरांग- पुर्वांग प्रबल के अनुसार समय निर्धारण में जिन रागों का उत्तरांग प्रबल होता है वे किस समय गाए जाते हैं?
(1) दिन के उत्तरार्ध में
(2) दिन के पूर्वार्ध में
(3) रात के तीसरे पहर में
(4) संधि काल में

उत्तर- दिन के उत्तरार्ध में

38. वादी- संवादी के समय निर्धारण के अनुसार जिन लोगों का वादी स्वर सप्तक के उत्तरार्ध में होता है, वह किस समय गाए जाते हैं?
(1) रात 12:00 से दोपहर 12:00
(2) दोपहर 12:00 से रात 12:00
(3) संधि काल के समय
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- रात 12:00 से दोपहर 12:00

39. मध्यम स्वर के समय निर्धारण के अनुसार जिन रागों में तीव्र मध्यम लगता है, उन रागों की प्रबलता किस समय होती है ?
(1) दिन के समय
(2) रात के समय
(3) संध्या काल के समय
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- रात के समय

40. स्वर संयोग के समय निर्धारण के अनुसार जिन रागों में कोमल रे ध लगते है, वह किस समय गाए जाने चाहिए ?
(1) दिन के समय
(2) रात के समय
(3) संध्या काल के समय
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- संध्या काल के समय

41. स्वर संयोग के समय निर्धारण के अनुसार जिन रागों में शुद्ध रे, ध लगता है वह किस समय गाए जाने चाहिए?
(1) सुबह 4:00 से 7:00
(2) सुबह 7:00 से 10:00
(3) रात्रि काल के समय
(4) शाम 4:00 से 7:00

उत्तर- सुबह 7:00 से 10:00

42. स्वर संयोग के समय निर्धारण के अनुसार जिन रागों में कोमल ग, नी लगता है, उन रागों को किस समय गाना चाहिए ?
(1) सुबह तथा रात्रि 10:00 से शाम 4:00
(2) सुबह संध्या काल के समय
(3) शाम संध्या काल के समय
(4) इनमे से कोई नहीं

उत्तर- सुबह तथा रात्रि 10:00 से शाम 4:00

43. भैरव राग का थाट क्या है?
(1) भैरव
(2) काफ़ी
(3) बिलावल
(4) खमाज

उत्तर- भैरव

44. भैरव राग की जाति क्या है?
(1) षाड़व- षाड़व
(2) षाड़व-संपूर्ण
(3) औडव – संपूर्ण
(4) संपूर्ण- संपूर्ण

उत्तर- संपूर्ण- संपूर्ण

45. राग भैरव के वादी – संवादी स्वर क्या है
(1) म-सा
(2) सा-म
(3) ध_ रे_
(4) रे,- ध

उत्तर- ध_ रे_

46. राग भैरव का गायन समय क्या है?
(1) शाम 4:00 से 7:00
(2) रात्रि का दूसरा पहर
(3) प्रातः काल
(4) रात्रि का तीसरा पहर

उत्तर- प्रातः काल

47. राग भैरव के रे और ध स्वर किस प्रकार प्रयोग होते हैं ?
(1) रे , ध
(2) रे , ध
(3) रे_ , ध_
(4) रे , ध

उत्तर- रे_ , ध_

48. भैरव राग का प्रबल अंग क्या है ?
(1) उत्तरांग अंग
(2) पुर्वांग अंग
(3) उपयुक्त दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- उत्तरांग अंग

49. भैरव राग के न्यास के स्वर कौन से हैं?
(1) सा, ग , ध
(2) सा, रे, ग, ध
(3) ग, ध, नी
(4) सा, रे, प , ध

उत्तर- सा, रे , प , ध

50. राग रामकली ,राग कलिंगडा विभास और राग बंगाल भैरव किसके सम-प्रकृतिक राग हैं ?
(1) भैरव राग
(2) बागेश्री राग
(3) उपयुक्त दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- भैरव राग

51. राग भैरव के विषय में विद्वानों में किस स्वर पर विवाद है?
(1) सा
(2) नी
(3) रे
(4) ग

उत्तर- नी

52. ग म ध S S ध प , ग म रे S रे सा।
यह स्वर समूह किस राग से लिया गया है?
(1) राग बागेश्री
(2) राग भैरव
(3) राग भैरव तथा बागेश्वरी का मिश्रण
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- राग भैरव

53. बागेश्वरी राग का थाट क्या है?
(5) भैरव
(6) काफ़ी
(7) बिलावल
(8) खमाज

उत्तर- काफ़ी

54. बागेश्वरी राग की जाति क्या है?
(1) षाड़व- षाड़व
(2) षाड़व-संपूर्ण
(3) औडव – संपूर्ण
(4) संपूर्ण- संपूर्ण

उत्तर- औडव – संपूर्ण

55. बागेश्वरी राग में कौनसे स्वर वर्जित हैं?
(1) अवरोह में ‘रे-प’
(2) आरोह में ‘रे- प’
(3) रे और प स्वर पूर्णतः वर्जित
(4) आरोह में रे और ध

उत्तर- आरोह में ‘ रे- प’

56. राग भैरव के वादी – संवादी स्वर क्या है
(1) म-सा
(2) सा-म
(3) ध. रे_
(4) रे,- ध

उत्तर- ध. रे_

57. राग भैरव का गायन समय क्या है?
(1) शाम 4:00 से 7:00
(2) रात्रि का दूसरा पहर
(3) प्रातः काल
(4) रात्रि का तीसरा पहर

उत्तर- प्रातः काल

58. बागेश्वरी राग में गंधार और निषाद स्वर किस तरह प्रयोग किए जाते हैं?
(1) ग , नी
(2) ग, नी
(3) ग_ नि_
(4) ग, नी

उत्तर- ग_ नि_

59. बागेश्वरी राग के न्यास के स्वर कौन से हैं?
(1) सा, ग , ध
(2) सा, रे, ग, ध
(3) ग, ध, नी
(4) सा, रे, प , ध

उत्तर- सा, ग, ध

60. राग भीमप्लासी किसका सम-प्रकृतिक राग है ?
(1) भैरव राग
(2) बागेश्री राग
(3) उपयुक्त दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- बागेश्री राग

61. किस राग में सा म , ध म और ध ग की संगति बार-बार दिखाई देती है ?
(1) राग बागेश्री
(2) राग भैरव
(3) उपयुक्त दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- राग बागेश्री

62. किस राग में उसकी जाति को लेकर विद्वानों में मतभेद है?
(1) राग भैरव
(2) राग बागेश्री
(3) उपयुक्त दोनों
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- राग बागेश्री

63. ध़ नि. सा म , ध नि ध , म प ध ग , म ग रे सा ।
यह स्वर समूह किस राग से लिया गया है?
(1) राग बागेश्री
(2) राग भैरव
(3) राग भैरव तथा बागेश्वरी का मिश्रण
(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- राग बागेश्री

64. राग भैरव तथा राग बागेश्री की प्रकृति क्या है ?
(1) दोनों रागों की प्रकृति चंचल
(2) दोनों रंगों की प्रकृति गंभीर
(3) राग भैरव की गंभीर तथा राग बागेश्री की चंचल
(4) राग बागेश्री की गंभीर तथा राग भैरव की चंचल

उत्तर- दोनों रागों की प्रकृति गंभीर

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