“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers…

An Initiative by: Kausik Chakraborty.

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सात्विक विचार एवं कटु सत्य

सात्विक विचार एवं कटु सत्य

आपके घर में जब तक कोई पुण्य शाली व्यक्ति होता है, तब तक आपके घर में कोई नुकसान नहीं हो सकता।
जब तक विभीषण जी लंका में रहते थे तब तक रावण ने कितना भी पाप किया परंतु विभीषणजी के पुण्य के कारण रावण सुखी रहा।
परंतु जब विभीषणजी जैसे भगवत वत्सल भक्त को लात मारी और लंका से निकल जाने के लिए कहा तब से रावण का विनाश होना शुरू हो गया और अंत में रावण की सोने की लंका का दहन हो गया और रावण के पीछे कोई रोने वाला भी नहीं बचा।
ठीक इसी तरह हस्तिनापुर में जब तक विदुर जी जैसे भक्त रहते थे तब तक कौरवों को सुख ही सुख मिला।
परंतु जैसे ही कौरवों ने विदुरजी का अपमान करके राज्यसभा से चले जाने के लिए कहा और विदुर जी का अपमान किया। तब भगवान श्री कृष्ण जी ने विदुरजी से कहा कि काका आप अभी तीर्थ यात्रा के लिए प्रस्थान करिए, जैसे ही विदुर जी ने हस्तिनापुर को छोड़ा कौरवों का पतन होना चालू हो गया और अंत में राज भी गया और कौरवों के पीछे कोई कौरवों का वंश भी नहीं बचा।

इसी तरह हमारे भी परिवार में जब तक कोई भक्त और पुण्यशाली आत्मा होती है, तब तक हमारे घर में आनंद ही आनंद रहता है। इसलिए भगवान के भक्त जनों का अपमान कभी ना करें, और हां हम जो कमाई खाते हैं वह पता नहीं किसके पुण्य के द्वारा मिल रही है इसलिए हमेशा आनंद में रहे और कोई भक्त परिवार में भक्ति करता हो तो उसका अपमान ना करें और भक्तों का सम्मान करें और उनके मार्गदर्शन में चलने की कोशिश करें पता नहीं संसार की गाड़ी किनके पुण्य से चलती हैं।

माता-पिता और बड़े बुजुर्गों और अतिथि का हमेशा सम्मान करें और सद्गुरु के बताए अनुसार जीवन जीएं और भगवान की भक्ति करते रहें।

कर्म के अनुसार आई तो रोजी
और गई तो बला,
ना कुछ साथ लेकर आए थे
और ना कुछ संसार से साथ लेकर जाएंगे।

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