विश्व शिक्षक दिवस
‘विश्व शिक्षक दिवस’ ( World Teacher’s Day ) 5 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में मनाया जाता है। इस दिन आध्यापकों को सामान्य रूप से और कतिपय कार्यरत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को उनके विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया जाता है।
इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 1966 में यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की हुई उस संयुक्त बैठक को याद करने के लिये मनाया जाता है जिसमें अध्यापकों की स्थिति पर चर्चा हुई थी और इसके लिये सुझाव प्रस्तुत किये गये थे।
अतः इसे 1994 के बाद से प्रतिवर्ष लगभग सौ से अधिक देशों में मनाया जा रहा है और इस प्रकार वर्ष 2021 में यह 27वाँ विश्व शिक्षक दिवस होगा।
दुनियाभर में शिक्षक को महत्व देने के लिए और शिक्षक की जिम्मेदारियों को याद दिलाने के लिए विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है. विश्व शिक्षक दिवस की खासियत ही यही है कि सारे संसार में शिक्षकों की महत्ता को स्थापित किया जा सके।
हम सब जानते हैं कि हम अपने महान शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाते हैं. लेकिन वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस (International Teachers Day) 5 अक्टूबर को मनाया जाता है. हालांकि इसे मनाने के लिए यूनेस्को (UNESCO ) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization -ILO) ने 1966 में ही मसौदे को मंजूरी दी थी लेकिन इसे 5 अक्टूबर 1994 को स्वीकार किया गया. दुनिया भर के शिक्षकों के कार्यों एवं समर्पण को समझते हुए साल 1966 में यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की एक संयुक्त मीटिंग हुई. इस मीटिंग में शिक्षकों के अधिकारों, दायित्वों, रोजगार एवं भविष्य की शिक्षा के साथ एक गाइडलाइन बनाने पर चर्चा हुई थी. लंबी जद्दोजहद के बाद संयुक्त राष्ट्र में विश्व शिक्षक दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की युनेस्को की सिफारिश पर साल 1994 में इसे पारित किया गया. गौरतलब है कि इस स्वीकृति पेपर पर 100 देशों के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किया था. इस संस्तुति के बाद 5 अक्टूबर 1994 से अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा शुरु हुई. हालांकि भारत समेत कुछ कुछ देश अपने तरीके से शिक्षक दिवस सेलीब्रेट करते हैं।