एक छोटे से गाँव में एक युवक नामक ‘राम’ रहता था। वह गरीबी के कारण अपने सपनों को पूरा करने से वंचित महसूस करता था। उसका मन किसान बनने का था, लेकिन उसके पास अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोई संसाधन नहीं था।
एक दिन, राम गाँव के बाजार में एक बूट सेल्समैन के साथ बातचीत कर रहा था। सेल्समैन ने राम को एक जादुई दीपक दिखाया और कहा, “यह जादुई दीपक है। इसकी ज्योति तुम्हारे मन के विचारों को साकार कर सकती है।” राम ने उसे हँसते हुए ले लिया, लेकिन उसका विश्वास इसमें नहीं था।
गरीबी के कारण, राम का मन बहुत उदास था। उसने सोचा, “क्या इस दीपक की ज्योति मेरे जीवन में कोई बदलाव ला सकती है?” वह दीपक लेकर घर आया और उसे अपने कमरे में रख दिया।
रात के समय, राम ने दीपक की ज्योति को जलाया और मन में उसके सपनों को साकार करने की चित्रणा की। वह अपनी मेहनत, उत्साह और निष्ठा से काम करने लगा।
कुछ समय बाद, राम की मेहनत और उत्साह ने उसे एक अच्छी फसल दी। वह फसल का बाजार में अच्छा मूल्य प्राप्त करके धन बचाने लगा। उसने अपनी मेहनत से कुछ पैसे बचाए और खेती में और निवेश किया।
धीरे-धीरे, राम की किसानी में सफलता की लहरें आने लगीं। वह अब गरीब नहीं रहा, बल्कि उसकी मेहनत ने उसे समृद्धि की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मन की शक्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है। जब हम अपने विचारों को सकारात्मक और उत्साही बनाते हैं, तो हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। राम ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए न केवल मेहनत की, बल्कि अपने विचारों की शक्ति का भी सहारा लिया।