स्थापना दिवस – 1 नवंबर 1956
राजधानी – कोलकाता
सबसे बड़ा शहर – कोलकाता
उच्च न्यायालय – कलकत्ता
राजभाषा – बंगाली
जनसंख्या – 9,12,76,115
जनसंख्या घनत्व – 1,028 /किमी
क्षेत्रफल – 88,752 किमी
पूर्व में जिलों की संख्या – 19
वर्तमान में जिलों की संख्या – 23
लिंगानुपात – 1000/950
साक्षरता दर – 77.08%
राजकीय पशु – मछली पकड़ने वाली तितली (फिशिंग कैट)
राजकीय पक्षी – सफेद गले वाला किंगफिशर
राजकीय पुष्प – चमेली
राजकीय वृक्ष – चटिम
विधान सभा में सीटों की संख्या – 295
राज्य सभा में सीटों की संख्या – 16
लोक सभा में सीटों की संख्या – 42
डाक सूचक संख्या – 70 से 74
वाहन अक्षर – WB
1. पश्चिम बंगाल की सीमाएं उत्तर में सिक्किम, उत्तर-पूर्व में असम, पूर्व में बांग्लादेश, दक्षिण में बंगाल की खाड़ी तथा उड़ीसा तथा पश्चिम में बिहार तथा झारखंड है।
2. पूर्व में बंगाल पर इस्लामी शासन था। उसके बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन चला फिर बाद में जब भारत आजाद हुआ 1947 में इसके साथ ही बंगाल, मुस्लिम प्रधान पूर्व बंगाल (जो बाद में बांग्लादेश बना) तथा हिंदू प्रधान पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) में विभाजित हुआ।
3. भारत के प्रागैतिहासिक काल के इतिहास में बंगाल का विशिष्ट स्थान है। सिकंदर के आक्रमण के समय बंगाल में ‘गंगारिदयी’ नामक साम्राज्य था। गुप्त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पडा। बाद में ‘शशांक’ बंगाल प्रदेश का नरेश बना।
4. जब अंग्रेज़ों ने पहली बार बंगाल और भारत में अपने पांव जमाए। सन् 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेज़ों ने बंगाल का विभाजन कर दिया लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे स्वतंत्रता आंदोलन की ज्वाला और तेजी से भड़क उठी।
5. 1947 के बाद देशी रियासतों के विलय का काम प्रारम्भ हुआ और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की सिफारिशों के अनुसार पड़ोसी राज्यों के कुछ बांग्लाभाषी क्षेत्रों का पश्चिम बंगाल में विलय कर दिया गया।
6. पश्चिम बंगाल छोटा होने के बावजूद पश्चिम बंगाल से भारत के सकल घरेलू उत्पादन का लगभग छठा हिस्सा आता है।
7. राज्य की आर्थिक व्यवस्था में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। पश्चिम बंगाल के चार में से तीन व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि कार्यों में लगे हैं।
8. पश्चिम बंगाल के जिलों की कुल संख्या 20 है। दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, बर्धमान, नदिया, पुरुलिया, बांकुड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, हावड़ा, कोलकाता, दक्षिण २४ परगना, पश्चिम मेदिनीपुर, अलीपुरद्वार, कलिम्पोंग, झाड़ग्राम, पश्चिम बर्धमान है।
9. क्रिकेट तथा फुटबॉल यहां के लोकप्रियतम खेलों में से हैं। सौरभ गांगुली जैसे खिलाड़ी तथा मोहन बगान एवं ईस्ट बंगाल जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं।
10. बांग्ला भाषा में एक ही साहित्य आंदोलन हुआ है “भुखी पीढी आंदोलन” जिसने 60 के दशक में बिहार के पटना शहर से शुरु किया था जो पुरे बंगाल में तहलका मचा दिया था यहाँ तक की आंदोलनकारईयों के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया गया था। बाद में सब बाइज्जत बरी हो गये थे, परंतु उन लोगों का ख्याति पुरे भारत में तथा अमेरिका, यूरोप में भी फैल गई थी।
11. यहाँ के प्रमुख नदियों में गंगा, तिस्ता, महानंदा, स्वर्ण, रेखा, हुगली प्रमुख है, जबकि पश्चिम बंगाल अर्द्ध सदाबहार वन, पर्णपाती वन, घास का मैदान एवं मैंग्रोव वन यहाँ पाया जाता है।
12. पश्चिम बंगाल में खनिज और उद्दोगों की दृस्टि से विकसित है। यहाँ प्रमुख खनिजों में कोयला, डोलोमाइट, क्वार्टजाइऐट, मैगनीज अदि है, जबकि यहाँ खनन, लौह-इस्पात, पैट्रोल रसायन, खाद्द प्रसंकरण उद्दोग विकसित अवस्था है।
13. पश्चिम बंगाल में धन, जूट, मक्का, चाय, गन्ना के अलावा मत्स्यपालन बहुत विकसित अवस्ता में है। पटसन, कपास और काग़ज़ की मिलों का प्रमुख केंद भाटपारा है।
14. 31 मार्च 2002 को पश्चिम बंगाल राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 91,970 किलोमीटर थी जिसमें 1,898 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल थे।
15. पर्यटक स्थलों में हावड़ा ब्रिज पर्यटकों को आकर्षित करता है। हावड़ा ब्रिज के अतिरिक्त पर्यटक यहाँ पर हावड़ा स्टेशन, महान् बरगद का पेड़, बेलूर मठ, गारचूमुक, पानीतरास-सम्ताबेर और विद्यासागर सेतु आदि देख सकते हैं, जो बहुत ख़ूबसूरत हैं।
सुंदरवन
* सुंदरवन, भारत तथा बांग्लादेश में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है ।
* यहाँ के नरभक्षी बाघ ‘बंगाल टाइगर’ के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं
* पूर्ण सुन्दरवन 102 द्वीपों का समूह हैं जिसमें 48 द्वीपों पर बस्ती है।
* यह लगभग 9630 वर्ग किलो मीटर क्षेत्रफल तक फैला हुआ हैं ।
* लगभग 40 लाख लोग सुन्दरवन में रहते हैं ।
* यहाँ अधिकतर लोग 60 से 120 वर्ष पहले आ कर बसे हैं ।
* यह लोग पूर्णतयः वनों से मिलने वाले साधनों पर आश्रित हैं । इन लोगों की जीविका- खेती बाडी, मत्स्य पालन, लकड़ी और शहद संग्रहण है।