तोदरी क्या है? (What is Todari in Hindi?)
तोदरी सफेद, लाल और पीले बीजों के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है। पीले बीज वाली तोदरी गुणों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह 30 सेमी ऊँचा, लघु आकारीय कांटा वाला, शाकीय पौधा होता है। इसके पत्ते लंबे तथा संकीर्ण होते हैं। इसके फूल उभयलिंगी, छोटे, सफेद रंग के सहपत्र रहित, बाह्यदल 0.7-1 मिमी लम्बे, दल 1-1.5 मिमी लम्बे होते हैं। इसके बीज मसूर के दाने के समान, किन्तु बहुत छोटे तथा चपटे, 2.5-3.5 मिमी लम्बे, शीर्ष पर पक्षयुक्त होते हैं। बीजों को पानी में भिगाने से लुआब उत्पन्न होता है। इसकी फलियां बहुत छोटी होती हैं। इसका पुष्पकाल अप्रैल से अगस्त तक होता है।
अन्य भाषाओं में तोदरी के नाम (Names of Todari in Different Languages)
तोदरी का वानास्पतिक नाम Lepidium virginicum Linn. (लेपिडियम वर्जिनिकम) Syn-Lepidium iberis Linn. है। इसका कुल Brassicaceae (ब्रेसीकेसी) है और इसको अंग्रेजी में Pepper grass (पैपर ग्रास) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि तोदरी और किन-किन नामों से जाना जाता है।
Pepper grass in :
- Hindi-तोदरी, सफेद तोदरी;
- Urdu-तुदरी (Tudri)।
- English-पेपरवीड (Pepperweed);
- Arbi-तुदारंज (Toodharanj), तुधारी (Toodharee);
- Persian-तोदरी (Todaree)।
तोदरी के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Todari in Hindi)
- तोदरी प्रकृति से कड़वी, गर्म, गुरु, पिच्छल, सर तथा कफ और वात को कम करने वाली होती है।
- यह खांसी, सांस संबंधी समस्या, दुर्बलता तथा मूत्रकृच्छ्र या मूत्र संबंधी समस्या में लाभप्रद होता है।
- यह ज्यादा मूत्र होने वाली बीमारी, मृदु, उत्तेजक, स्तम्भक(Styptic), कफ को निकालने में सहायक,आमवात के इलाज में मददगार होती है।
तोदरी के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Todari in Hindi)
तोदरी के पौष्टिकता के आधार पर इसके बहुत सारे औषधिपरक गुण भी है जो बहुत सारे बीमारियों के लिए इलाज के रूप में काम करते हैं। अधपुष्पी किन-किन बीमारियों के लिए कैसे काम करते हैं चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
श्वास नली की सूजन को कम करने में सहायक है तोदरी (Todari Beneficial to Treat Bronchidal Inflammation in Hindi)
यदि मौसम के बदलाव के कारण श्वसनिका में सूजन होता है तो तोदरी के बीजों का फाण्ट बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से श्वसनिका-शोथ में लाभ होता है।
अतिसार या दस्त को रोकने में फायदेमंद तोदरी (Todari Beneficial to Treat Diarrhoea in Hindi)
असंतुलित खान-पान या किसी संक्रमण के कारण यदि दस्त की समस्या हो रही है तो तोदरी के पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से जीर्ण अतिसार में लाभ होता है।
रक्तमेह या पेशाब में खून आने की बीमारी में फायदेमंद तोदरी (Benefit of Todari in Blood in Urine or Hematuria in Hindi)
पेशाब से खून निकलने पर यदि कोई इलाज काम नहीं आ रहा है तो तोदरी पञ्चाङ्ग का फाण्ट या काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से रक्तमेह में लाभ होता है।
मूत्रकृच्छ्र के इलाज में फायदेमंद तोदरी (Todari Beneficial to Treat Urinary Diseases in Hindi)
अगर पेशाब करते वक्त दर्द या जलन होता है तो तोदरी का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पीने से मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है।
पूयमेह या सुजाक में फायदेमंद तोदरी (Benefit of Todari in Gonorrhea in Hindi)
7-7 ग्राम शतावरी, मूसली, केवाँच, तोदरी, तालमखाना, प्रवाल पिष्टी तथा रजत भस्म, 6-6 ग्राम विदारीकंद, छोटी इलायची, गोखरू तथा मुस्ता, 3-3 ग्राम सालिम, शिलाजीत, 6-6 ग्राम कंकोल तथा मोचरस, 12 ग्राम वंग भस्म तथा लगभग 200 ग्राम मिश्री के सूक्ष्म चूर्ण को मिलाकर 2-4 ग्राम की मात्रा में दाड़िमी शर्करा के साथ सेवन करने से पूयमेह तथा पित्तज प्रमेह में लाभ होता है।
ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में करे सहयक है तोदरी (Todari Benefits to Increase the size of Breast in Hindi)
ब्रेस्ट की साइज को बढ़ाने के लिए 2-3 ग्राम तोदरी चूर्ण में समान मात्रा में शतावरी चूर्ण तथा मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से स्तन्य की वृद्धि होती है।
आमवात या गठिया के दर्द से दिलाये राहत तोदरी (Benefits of Todari to Get Relief from Gout in Hindi)
तोदरी का औषधीय गुण गठिया के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। तोदरी पञ्चाङ्ग को पीसकर लगाने से आमवात में लाभ होता है। इसके अलावा तोदरी के फूलों को जैतून या तिल तैल में पकाकर, छानकर तेल की मालिश करने से संधिवात में लाभ होता है।
कमजोरी दूर करने में फायदेमंद तोदरी (Todari Beneficial to Treat Weakness in Hindi)
2-3 ग्राम तोदरी चूर्ण में समान मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करने से कमजोरी दूर होती है तथा शरीर को पुष्टि मिलती है।
सूजन को कम करने में लाभकारी तोदरी (Benefit of Todari to Treat Inflammation in Hindi)
सूजन को कम करने के लिए तोदरी को पीसकर लेप करने से सूजन एवं घाव को ठीक करने में मदद मिलती है।
तोदरी के उपयोगी भाग (Useful Parts of Todari )
आयुर्वेद के अनुसार तोदरी का औषधीय गुण इसके इन भागों को प्रयोग करने पर सबसे ज्यादा मिलता है-
- -पत्ता
- -बीज
- -फूल
तोदरी का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए (How to Use Todari in Hindi)
यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए तोदरी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 3-6 ग्राम का सेवन कर सकते हैं।
तोदरी कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Todari Found or Grown in Hindi)
यह विश्व में दक्षिण यूरोप से साईबेरिया तक तथा ईरान में प्राप्त होता है। भारत में मुख्यत हिमालय एवं पंजाब में प्राप्त होता है।