दुनिया भर के एथलीट्स और फैन्स में ओलंपिक खेलों के लिए ख़ास उत्साह देखने को मिलता है।
ओलंपिक में गोल्ड मेडल की अहमियत सबसे ज्यादा होती है। गोल्ड जीतने वाले एथलीट को पोडियम में ऊंचा स्थान मिलता है और उस देश का राष्ट्रगान भी बजाया जाता है। इसके अलावा उस देश के झंडे को भी विशेष सम्मान दिया जाता है। ऐसे में गोल्ड मेडल के बारे में जानकारी अहम है।
ओलंपिक गोल्ड मेडल में 92 फीसदी से ज्यादा मात्रा चाँदी की होती है। सोने की मात्रा कम से कम 6 फीसदी होती है। चाँदी और सोने के मिश्रण से यह मेडल तैयार किया जाता है। यह भी अहम है कि इस एक गोल्ड मेडल की कीमत कितनी जा सकती है।
लंदन स्थिति एक रिसर्च फर्म के अनुसार, पेरिस ओलंपिक 2024 के गोल्ड मेडल की लागत 758 डॉलर हो सकती है, इसमें गोल्ड और सिल्वर दोनों की कीमत को जोड़कर आंकलन किया गया है। टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडल की लागत इससे ज्यादा आंकी गई थी। उस समय 800 डॉलर के करीब इसकी लागत थी। भारतीय रुपयों में यह करीबन 67000 थी।
मेडल्स के अलावा एथलीटों को ओलंपिक समिति की तरफ से नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता है। जिन देशों के खिलाड़ी मेडल हासिल करते हैं, वहां की सरकारें उनको जरुर नकद राशि और अन्य इनाम देती हैं। भारत सरकार भी ऐसा करती है। भारत में राज्य सरकारें भी अपने खिलाड़ियों को मेडल जीतने पर सम्मानित करती हैं।
ओलंपिक में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड अमेरिका के तैराक माइकल फेलप्स के नाम है। माइकल ने अपने करियर में 23 गोल्ड मेडल हासिल किये थे। इसके अलावा उनके नाम 3 सिल्वर और 2 ब्रोंज मेडल थे। उन्होंने कुल 28 ओलंपिक मेडल अपने नाम किये।