एक गांव का बच्चा शहर में आईआईटी की तैयारी कर रहा था उसके पिता के पास उसे पढ़ाने के भी पैसे नही थे। इसलिए वह Job करता था। वह बास्केटबॉल भवन में जाया करता था वहाँ उसका झाड़ू लगाने का काम था। इसी से वह अपना खर्चा चलाता था मगर उसको भी बास्केटबॉल खेलने का बहुत शौक था लेकिन वहाँ अमीर खानदान के बच्चे आते थे। मगर वह सोचता था कि एक दिन मुझे भी मौका मिलेगा। उसकी वहां कोई इज्जत नहीं थी महीना बीत चुका था।
और उसने एक दिन जो बच्चे खेल रहे थे, उनसे रिक्वेस्ट किया कि आप मुझे भी खेलने का मौका देंगे तो मैं भी आपको अच्छा परफॉर्मेंस करके बताऊंगा। लेकिन बच्चों ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया, कि यह क्या करेगा। तो 1 दिन ऐसे ही एक लड़की आई हुई थी और उस लड़की ने उस लड़के को देखा और अपने पास बुलाया कि तुम्हें खेलना आता है तो उस लड़के ने जवाब दिया कि मुझे खेलना आता है मैं खेल सकता हूं।
लड़की ने उसको बोला कि तुम Goal कर सकते हो, उसने कहा कि हां मैं Goal कर सकता हूं। लड़की ने कहा बीचो बीच से Goal करके दिखाओ, उसने कोशिश की लेकिन वह नही कर पाया। सभी उस पर हंसने लगे। वह बोला अगर आप मुझे 30 मिनिट का का टाइम दे तो मैं गोल करके बता सकता हूँ। लड़के ने आसपास ऊपर नीचे चारों तरफ देखा तो सभी बच्चों ने कहा कि ठीक है और क्या दिमाग लगाया उसने हर एंगल से उसको देखा उसकी दूरी नापी उसका डायग्नल चेक किया उसने उसका विकर्ण देखा।
मतलब सिर्फ बोल को किस एंगल से सेटिंग्स करे की परफेक्ट उसमें जाकर गिरे तो उसने यह नाप लिया और उस दूरी को सेट कर दिया और उसने Goal कर दिखाया सब बच्चों ने उसके लिए तालियां बजाई कि हम आपको ऐसे कमजोर समझ रहे थे। आप वाकई में बहुत अच्छा खेलते हैं और हम आपकी सराहना करते हैं। अगर ऐसा कोई अवसर मिलेगा तो हम आप को आगे बढ़ाने के लिए आपका नाम आगे लेके जाएंगे।
शिक्षा:-इस कहानी से यह सीखने को मिलता हैं कि उस लड़के ने अपने गंतव्य में सफल होने के लिए पहले प्रॉब्लम को देखा और फिर किस तरीके से समाधान निकाला …….वह थी “एकाग्रता”……। अतः किसी भी समस्या को एकाग्रचित्त होकर शांत मन से सोचकर हम उसका समाधान निकाल सकते हैं।