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अमरूद खाने के फायदे I Benefits of Guava

1. विटामिन-सी – अमरूद में विटामिन-सी अधिक होने से यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करता है। संतरे की अपेक्षा अमरूद में चार गुना अधिक विटामिन-सी होता है। अमरूद से सर्दी दूर होने का दावा नहीं किया जा सकता परन्तु इसकी अवधि कम रखने में यह अवष्य सहायक हो सकता है। चूँकि विटामिन-सी शरीर से बहुत जल्दी निकल जाता है इसलिये अमरूद के माध्यम से इसकी प्रतिपूर्ति सरलता से की जा सकती है। अमरूद में सूक्ष्मजीवरोधी (एण्टिमाइक्रोबियल) गुण होने से भी यह हानिप्रद जीवाणुओं व विषाणुओं को हटाते हुए संक्रमणों को दूर करने में उपयोगी हो सकता है।

2. विटामिन-ऐ – अमरूद का विटामिन-ऐ प्रतिरक्षा-तन्त्र को ठीक रखने सहित सम्पूर्ण शरीर की बढ़त व विकास एवं दृष्टिक्षमता के लिये तो महत्त्वपूर्ण होता ही है।

3. विटामिन-ई – अमरूद का विटामिन-ई त्वचा व नेत्रों के स्वास्थ्य के लिये तथा बीमारियों व संक्रमणों से लड़ने की नैसर्गिक क्षमता बढ़ाने में उपयोगी है।

4. लौह – अमरूद के माध्यम से शरीर को लौह तत्त्व की सुलभता हो जाती है। लौह रक्त के हीमोग्लोबिन का एक अति महत्त्वपूर्ण अवयव होता है, हीमोग्लोबिन मानव का ऐसा रक्त-प्रोटीन है जो फेफड़ों से पूरे शरीर में आक्सीजन का परिवहन करता है। यह हमारी पेशियों में आक्सीजन के भण्डारण व प्रयोग में सहायता करता है। लौह एवं हीमोग्लोबिन शरीर के कई एन्ज़ाइम्स व प्रोटीन्स की सक्रियता के लिये आवश्यक रहता है।

5. कैल्सियम – अमरूद में कैल्सियम भी पाया जाता है जो अस्थियों को स्वस्थ रखने के अतिरिक्त शरीर से बाहर बहते रक्त को रोकने के लिये थक्के जमाने में भी उपयोगी है। पेशियों के संकुचन व दिल की धड़कन सामान्य रखने में भी कैल्सियम सहायता करता है। शरीर में लगभग 99 प्रतिशत कैल्सियम अस्थियों व दाँतों में होता है।

6. पोटेशियम – यह एक विद्युत्-अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट) व खनिज है जो पेशियों की कार्य-प्रणाली सहित हृदय की धड़कन व साँसों को सुचारु रखने में सहायता करता है। अमरूद में पोटेशियम की प्रचुर मात्रा होती है (केले से भी अधिक) जिसका सेवन यदि अधिक भी कर लिया हो तो घबराने की आवष्यकता नहीं क्योंकि अतिरिक्त पोटेशियम को वृक्कों द्वारा रक्त से निकाल दिया जाता है।

7. रेशे – पतंजलि व विभिन्न अन्य कम्पनियों द्वारा अमरूद के मुरब्बे इत्यादि भी बाज़ार में सुलभ कराये जा रहे हैं क्योंकि अमरूद के रेषे कई रोगों के नियन्त्रण में सहयोगी हैं। पेट साफ रखना हो अथवा बढ़ते मोटापे की चिंता हो सबको अमरूद का सेवन लाभकारी रहता है।

8. रुधिर-शर्करा नियन्त्रण में सहायक – विशेषतया भोजन के 25 मिनट्स अथवा आधे घण्टे बाद अमरूद की पत्तियों से बनायी चाय पीने से मधुमेह में शर्करा को अंकुश में रखने में सहायता मिली है। पत्तियों का यह प्रभाव दो घण्टे तक पाया गया।

9. हृदय के लिये अमरूद – एण्टिआक्सिडेण्ट्स व विटामिन्स की बहुलता से अमरूद की पत्तियाँ मुक्त मूलकों से लड़ती हैं व शरीर को और क्षतियों से बचा सकती हैं। पोटेशियम व घुलनषील रेशो की अधिकता से भी अमरूद हृदयक स्वास्थ्य को बनाये रखने में सहायता कर सकता है। इसकी पत्तियाँ उच्चरक्तचाप को घटाकर सामान्य स्तर पर लाने में एवं ‘बुरे’ कोलॅस्टेराल अर्थात् लाडेन्सिटी लिपिड को घटाने में तथा ‘अच्छे’ कोलॅस्टेराल अर्थात् हाई डेन्सिटी लिपिड को बढ़ाने में सहायक पायी गयी हैं।

10. मासिक स्राव का दर्द घटा पाये – कई महिलाएँ कष्टार्तव अनुभव करती हैं जिसमें पेट में ऐंठनें सम्मिलित हैं। कुछ ऐसे साक्ष्य हैं जिनमें अमरूद की पत्तियों से मासिक चक्र में होने वाली इन ऐंठनों से कुछ राहत मिलती पायी गयी है। अमरूद की पत्तियाँ कुछ दर्दनिवारकों से अधिक शक्तिशाली पायी गयी हैं।

11. पाचन-तन्त्र का साथी – अमरूद में खाद्य-रेशे प्रचुर मात्रा में होते हैं। अमरूद के फल व पत्तों के सेवन से आँतों की गतियों को सामान्य रखने एवं कब्ज़ को दूर रखने में सहायता हो सकती है। अनेक अध्ययनों में तो यहाँ तक जताया गया है कि अमरूद की पत्तियाँ सूक्ष्मजीवरोधी (एण्टिमाइक्रोबियल) होती हैं, अर्थात् पत्तियों के सेवन से उन हानिप्रद सूक्ष्मजीवों को आँतों से दूर किया जा सकता है जो दस्त आदि के कारण बन सकते हैं।

12. कैन्सररोधी प्रभाव – शक्तिशाली एण्टिआक्सिडेण्ट्स होने से अमरूद शरीर की कोशिकाओं को मुक्त मूलकों से बचाते हुए कैन्सर की सम्भावना को कम रख सकता है क्योंकि ये मुक्त मूलक शरीर में कैन्सर उत्पन्न करने के मुख्य कारक रहते हैं। अमरूद की पत्तियाँ कैन्सर के उपचार तक में प्रभावी हो सकती हैं।

13. त्वचा के स्वास्थ्य में लाभदायक – विटामिन्स व एण्टिआक्सिडेण्ट्स की अधिकता से अमरूद त्वचा को क्षति से बचाता एवं बढ़ती उम्र के प्रभावों को मंदा करता है। झुर्रियों के बढ़ने की गति को भी धीमा कर सकता है। त्वचा पर अमरूद की पत्तियों को सीधे लगाये जाने पर ये एक्ने को रोकने में भी सहायक हो सकती हैं। एक अनुसंधान में अमरूद की पत्तियों में एक्ने लाने वाले जीवाणुओं को नष्ट करने वाले गुणधर्म पाये गये हैं, ऐसा सम्भव है क्योंकि अमरूद में सूक्ष्मजीवरोधी एवं सूजनरोधी लक्षण होते हैं।

अमरुद खाने की सेवन-विधि

1. अमरूद की पत्तियों को सामान्य रूप में चबाया जा सकता है। विषेष रूप से छाले दूर करने में पत्तियाँ ही मुख्यतः चबायी जाती हैं। पत्तियों को सलाद के रूप में सेवन किया जा सकता है।
2. अमरूद की पत्तियों को चाय में उबालकर।
3. मसली पत्तियों को चेहरे पर लगाकर।
4. पिसे पत्तों को बालों में लगाकर।
5. अमरूद के कच्चे फलों की सब्जी।
6. पके अथवा अधपके अमरूद को पीसकर खाते हुए।
7. सामान्य पके अमरूद को सीधे खाकर सलाद के भी रूप में।
8. मुरब्बे इत्यादि के रूप में।

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