हार्ट अटैक – लक्षण, कारण, उपचार एवं सावधानियाँ
हार्ट अटैक क्या होता है ?
जब हमारे हृदय की धमनियों के अंदर प्लैक जमा हो जाता है तो हार्ट अटैक आता है। यह प्लैक अचानक जमा नहीं होता। धीरे-धीरे प्लैक जमा होता जाता है। इसके कई कारण होते हैं जिसमें से खराब खानपान एक बहुत बड़ी वजह होती है। प्लैक जमा होने के कारण हमारे दिल तक पहुंचने वाली नसें सकरी हो जाती है। जिसके कारण हमारे दिल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और खून नहीं पहुंच पाता। ऐसी स्थिति बनने से दौरा पड़ने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।
जब खून के थक्के बनने लगते हैं तो उससे हमारे दिल को पंपिंग करने में परेशानी आने लगती है। वह आसानी से हमारे शरीर के अन्य हिस्सों में खून को नहीं भेज पाता। जिससे दिल के मसल्स फैल जाते हैं और दिल का दौरा पड़ जाता है।
हार्ट अटैक होने के कारण ?
हार्ट अटैक आने का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता। इसके बहुत से कारण होते हैं आइए जानते हैं इसके कारणों के बारे में-
- बैड कोलेस्ट्रॉल- जब हमारे शरीर में बहुत अधिक मात्रा में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता हैं तो इससे दिल को बहुत नुकसान पहुंचता है जो कि आर्ट अटैक का कारण बनता है।
- तनाव- तनाव जो आज कल हम सभी के जीवन का हिस्सा बन चुका है। यह हार्ट अटैक आने का बहुत अहम कारण है। आपके जीवन में तनाव चाहे किसी भी प्रकार का हो वह आपके काम से संबंधित हो या आपके व्यक्तिगत जीवन से। अगर आप लंबे समय से तनाव में हैं तो यह बेहद नुकसानदायक होता है।
- उम्र- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है हमारे शरीर में तरह-तरह की बीमारियां और परेशानी आने लगती है। यह भी हार्ट अटैक का कारण बनता है। पुरुषों में 45 वर्ष और महिलाओं में 55 वर्ष के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वैसे तो आज के समय में बहुत कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या आ रही है। इसलिए जरूरी है कि हम समय रहते सतर्क हो जाएं।
- जीवन शैली- खराब दिनचर्या और गलत खानपान की आदत हार्ट अटैक का कारण बनता है।
- उच्च रक्तचाप- उच्च रक्तचाप (हाई बीपी)हमारे हार्ट के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। इससे हमारे हार्ट पर ज्यादा तनाव पड़ता है। जो कि हार्टअटैक का एक बहुत बड़ा कारण है।
- अनुवांशिकता (हेरिडिटी)- अगर आपके परिवार में लगभग सभी लोगों को हार्ट से संबंधित बीमारियां हैं। या हार्ट अटैक आ चुका है तो आपके लिए हार्ट अटैक का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है।
- वजन- अगर आपका वजन आवश्यकता से अधिक है तो ये हार्ट अटैक का कारण बनता है।
- नशा एवं धूम्रपान- यह दोनों चीजें अगर आपके आदत में शामिल हैं तो आप को हार्ट अटैक होने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण क्या होते है ?
- बिना काम किए, बेवजह लंबे समय तक हमेशा थकान महसूस करना।
- सीने में दर्द, जलन या किसी भी प्रकार की असहजता।
- बिना मेहनत के ठंडा पसीना आना और घबराहट महसूस होना।
- हाथ, पैर और टखने में सूजन बना रहना।
- बहुत लंबे समय तक सर्दी का बना रहना। साथ ही कफ गुलाबी या हल्का लाल रंग का दिखाई देना।
- चक्कर आना।
- सांस लेने में तकलीफ महसूस होना।
- पेट में दर्द, मतली या उल्टी आना।
यह सारे लक्षण इसलिए दिखाई देते हैं क्योंकि हमारा दिल कमजोर हो चुका होता है। कोलेस्ट्रॉल बहुत अधिक जमा हो जाता है।इससे हमारे दिल तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। साथ ही हमारा दिल भी हमारे शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और खून नहीं पहुंचा पाता। जिसके कारण हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे यह सारे लक्षण हमारे शरीर में दिखाई देने लगते हैं और यह हार्ट अटैक आने का एक अलार्म होता है।
इसके साथ ही यह जरूरी नहीं है कि यह लक्षण हार्टअटैक के ही हो। हो सकता है कि यह कोई और शारीरिक परेशानी हो। लेकिन इन सारे लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। यह लक्षण दिखाई देते ही तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ताकि इन लक्षणों की असली वजह क्या है यह जल्द से जल्द पता लगाकर बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके।
दिल के दौरे से बचने के उपाय
- संतुलित आहार का सेवन करें और स्वस्थ दिनचर्या रखें।
- निष्क्रिय बिल्कुल भी ना रहें, रोज व्यायाम करें।
- अपने बढ़े हुए वजन को जल्द से जल्द नियंत्रित करें।
- धूम्रपान, शराब पीने जैसी आदतों का त्याग करें।
- बीपी और शुगर को नियंत्रित रखें।
- समय-समय पर केलोस्ट्रोल की जांच करवाते रहें।
- साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप करवाएं।
- तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें।
- कोई भी असहजता महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हार्ट अटैक आने पर क्या करें ?
- यह एक मेडिकल इमरजेंसी है इसलिए तुरंत ही एंबुलेंस बुलाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
- घबराएं बिल्कुल नहीं। आप जितना स्ट्रेस लेंगे उतना स्थिति और गंभीर होती जाएगी।
- गहरी और लंबी सांस लें। सांस लेने में अगर तकलीफ हो रही हो तो जोर-जोर से खांसने की कोशिश करें।
- घर पर डिस्प्रिन की गोली हमेशा रखें। ऐसी स्थिति आने पर मरीज को तुरंत एक डिस्प्रिन की गोली खिला दें।
- घर पर बीपी की मशीन भी रखें। ऐसी स्थिति में तुरंत ही बीपी चेक करें। अगर बीपी सामान्य से कम है तो मरीज को बिल्कुल भी बिस्तर से उठने ना दें।
- अगर बीपी सामान्य से ज्यादा है तो तुरंत ही मरीज के जीभ के नीचे 5 मिलीग्राम सॉर्बिट्रेट की गोली रख दें।
अगर आप घबराने की जगह तुरंत ऊपर बताए गए काम को करेंगे तो आप बिना किसी ज्यादा क्षति के अस्पताल तक पहुंच पाएंगे।
हार्ट अटैक – लक्षण, कारण, उपचार एवं सावधानियाँ