जब व्यक्ति असंतुलित आहार-विहार का सेवन करता है तो कफ व मेद की वृद्धि हो जाती है। कफ और मेद धमनियों में स्थान संश्रय कर धमनियों में कठिनता उत्पन्न करता है और वायु (oxygen)रक्त संवहन की प्रक्रिया को प्रतिकूल गति प्रदान कर रक्तचाप को बढ़ा देती है।
ब्लड प्रेशर हाई होने का प्रमुख कारण मोटापा होता है। मोटे व्यक्ति में बी.पी. बढ़ने का खतरा आम व्यक्ति से ज्यादा होता है।
कारण
-शारीरिक श्रम न करना। जो लोग व्यायाम, खेल-कूद और कोई भी शारीरिक क्रिया नहीं करते और आरामतलब जीवन जीते हैं, उन्हें रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
ज्यादा नमकीन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से।
-पिज्जा, बर्गर, चाऊमिन, मोमोज आदि खाने से बी.पी. बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान क्यूं, क्या, कैसे अथार्थ दिमाग पर जोर से गर्भवती महिला को भी बी.पी. बढ़ने की समस्या होती है।
निवारण
ब्लड प्रेशर कम करने का एक प्रभावी तरीका वजन कम करना है।
प्रतिदिन 20-25 मिनट तक व्यायाम करें।
-स्वस्थ आहार जैसे साबुत अनाज, फल, सब्जियां, डेरी प्रोडक्ट्स एवं कम फैट वाले भोजन से बी.पी. कम हो जाता है।
-उच्च रक्तचाप के रोगी को अपनी डायट में मैग्निशियम, कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खाने चाहिए।
-दूध, हरी सब्जियां, दाल, सोयाबीन और संतरें में ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
-प्रतिदिन मेवे में 4 अखरोट एवं 5 से 7 बादाम खाएं।
- फलों में सेब, अमरूद, अनार, केला, अंगूर, अनानास, मौसंबी, पपीता।
-खट्टे फल, नींबू पानी, सूप, नारियल पानी, सोया, अलसी और काले चने खाएं।
-रोजाना पानी अधिक मात्रा में पीये।
-भोजन के लिए सोयाबीन तेल इस्तेमाल करना चाहिए।
-सलाद में टमाटर, मूली, गाजर, खीरा, गोभी का सेवन करना चाहिए।
-बिना मलाई वाले दूध का सेवन अति आवश्यक।
-रक्तचाप उच्च होने में ओमेगा-3 भी शामिल करें।
खाना खाते समय अपने भोजन में नमक ऊपर से न डालें।
तली हुई चीज़ों से परहेज करें
-चटनी, आचार, अजीनोमोटो, बेंकिंग पाउडर और सॉस खाने से परहेज करें।
-बी-पी. के रोगियों को ऐसा खाना नहीं खाना चाहिए जिसमें फैट अधिक हो।
-जब आप सोते हैं तो बी.पी. कम होता है। यदि आप भरपूर नींद नहीं लेंगे तो ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जो लोग कम सोते हैं उनका ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।
जितना संभव प्रयास हो सके, तनाव और गुस्से से दूर रहना चाहिए। रोजाना मेडिटेशन और योगा करना चाहिए।
एक बड़ा चम्मच आँवले का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
जब ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो आधे गिलास गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर का एक चम्मच घोल लें। इसे दो-दो घंटे के बाद पीते रहें। इससे हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों का उपचार होता है।
उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में तरबूज लाभ पहुंचाता है। तरबूज के बीज की गिरी तथा खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में रख लें। इसका रोजाना एक-एक चम्मच सेवन करें।
एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर तीन-तीन घण्टे के अन्तर में पीना चाहिए। इससे उच्च रक्तचाप का इलाज होता है।
पाँच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीस लें। इसे एक गिलास पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं।
नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट तक चलना चाहिए।
ताजा पालक और गाजर का रस निकालें। इसे रोज पिएं।
चावल खाने की इच्छा हो तो केवल ब्राउन चावल ही खाना चाहिए।
3 ग्राम मेथीदाना पाउडर सुबह-शाम पानी के साथ लें।
रोजाना एक टमाटर या एक कप टमाटर का जूस पिएं।
रोजाना एक अनार या अनार का जूस पियें।
एक चुकंदर और आधी मूली लें। इनको छील कर इनके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। मिक्सर में डालकर जूस निकाल लें। यह जूस दिन में एक बार पीने से हाई बी.पी. कण्ट्रोल होता है।
दिन में 2-3 बार नारियल पानी का प्रयोग करें।
खाली पेट 15 से 30 मिनट तक पानी वाले टब में बैठें।