“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers…

An Initiative by: Kausik Chakraborty.

“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers……….
An Initiative by: Kausik Chakraborty.

The Knowledge Library

सब में आत्मभाव

प्रेरक प्रसङ्ग

!! सब में आत्मभाव !!

कोलकाता में हुगली जिले में एक मशहूर वकील थे। जिनका नाम शशिभूषण वंद्योपाध्याय था। वे बड़े उदार और दयालु व्यक्ति थे। एक बार वे जून के महीने की कड़कती धूप में एक किराए की गाड़ी में बैठकर शहर के विख्यात व्यक्ति के घर पहुंचे। शशिभूषण जी को उनसे अत्यंत आवश्यक कार्य था। स्वागत सत्कार के बाद उस व्यक्ति ने पूछा, “इस भयंकर दोपहर में आपने इतनी दूर आने का कष्ट क्यों किया ?

इस काम के लिए आप किसी नौकर को पत्र देकर भी भेज सकते थे।” इस पर शशिभूषण जी ने उत्तर दिया, “मैंने पहले यही सोचा था। बल्कि मैंने पत्र लिख भी लिया था। लेकिन बाहर की प्रचंड गर्मी और लू देखकर किसी नौकर को भेजने का मेरा साहस नहीं हुआ। मैं तो गाड़ी में बैठकर आया हूँ। उस बेचारे को तो पैदल आना पड़ता। उसमें भी वही आत्मा है, जो मुझमें है।

सीख:-हमे सभी को अपने जैसा ही सोचना चाहिए। जैसा सुख, आराम हम खुद के लिए चाहते हैं। वैसा ही हमें दूसरों के लिए भी सोचना चाहिए।

Sign up to Receive Awesome Content in your Inbox, Frequently.

We don’t Spam!
Thank You for your Valuable Time

Share this post