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रस्सी कूदने के फायदे | Rope Skipping Benefits

1) 10 मिनट तक रस्सी कूदना 8 मिनट तक दौड़ने के बराबर होता है. एक मिनट तक रस्सी कूदने से 10 से 16 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है.

2) रस्सी कूदने में शरीर के लगभग सभी अंगो का प्रयोग हो जाता है. इसमें आपके पैर, पेट की मसल्स, कंधे और कलाइयाँ, हार्ट और अंदर के अंगो का भी व्यायाम होता है.

3) रस्सी कूदने से हड्डियों की बनावट में घनापन आता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत बनती है. रस्सी कूदने में लय, रणनीति और सही संचालन तीनों की जरुरत होती है, इसलिए ये दिमाग के लिए भी एक बढ़िया एक्सरसाइज है.

रस्सी कूदने से वजन कम करें |

4) रस्सी कूदने से Weight loss में बड़ी मदद मिलती है. अगर हर रोज केवल एक Exercise मतलब सिर्फ रस्सी कूद ही 20 मिनट तक किया जाए , तो एक हफ्ते तक लगातार कूदने से 500 ग्राम तक वजन कम किया जा सकता है.

वजन कम करने, शरीर और पेट की चर्बी कम करने लिए रस्सी कूदने  को अपने एक्सरसाइज रूटीन में शामिल करना चाहिए।

Rope skipping in hindi
Rassi Kudna

रस्सी कूदने से Height बढ़ाएं | Skipping for height 

5) रस्सी कूदने से लम्बाई बढ़ती है। रस्सी कूद से रीढ़ की हड्डी (spine), पीठ, पैर की Calf Muscles स्ट्रेच होती हैं और कुछ नयी मसल्स भी बनती है। रस्सी कूदने से हड्डी का Bone mass भी बढ़ता है। इन दोनों वजह से नियमित रस्सी कूदने से 3 से 6 महीने में हाइट बढ़ जाती है।

6) Height बढ़ाने के लिए रस्सी कूदने के साथ ही सही Diet भी जरूरी है। इससे आप किसी तरह के दर्द, कमजोरी से भी बचे रहेंगे। आपको खाने में ऐसी चीजें खानी चाहिए जिसमें Calcium और Protein जरूर हो। कैल्शियम हड्डी का और प्रोटीन मसल्स का Mass बढ़ाने के लिए जरूरी है।

ये कुछ ऐसे Foods हैं जिसमें ये दोनों Nutrition पाए जाते हैं जैसे 

दूध या दूध से बने आइटम मतलब दही, पनीर, Cheese, बादाम, मूंगफली, चना, व्हे प्रोटीन (Whey protein), चिया के बीज, तिल के बीज, अंजीर, शकरकंद, हरे साग वाली सब्जियां पालक आदि, भिंडी, संतरे का जूस आदि।

7) रस्सी कूदने से फेफड़ो की क्षमता बढती है, फेफड़े मजबूत होते है, चेहरे पर चमक आती है। रस्सी कूदने से Stamina बढ़ता है और अनियंत्रित हार्ट रेट ठीक होती है।

8) रस्सी कूदना रक्तसंचार (Blood circulation) तेज करता है, जिससे त्वचा को न्यूट्रीशन मिलता है और शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर निकल जाते हैं।

9) रस्सी कूदने का एक बड़ा फायदा है कि यह हार्मोन बैलेंस (Hormone Balance) करने का काम करता है जिसे टेंशन और डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है।

10) दौड़ने के बजाय रस्सी कूदने (Rope skipping) का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे आपके घुटनों पर बुरा असर नहीं पड़ता. क्योंकि कूदने से लगने वाले झटके पूरे पैर में बंट जाता है और घुटनों पर सीधा जोर नहीं पड़ता.

9) Boxers मतलब मुक्केबाजो को आपने रस्सी कूदते जरुर देखा होगा. इसका कारण है कि रस्सी कूदने से शरीर की Balancing इम्प्रूव होती है और पैरो के Movement में फुर्ती और कण्ट्रोल बढ़ता है, जोकि Boxing में बहुत काम देता है.

10) पहले दिन रस्सी कूदने के बाद हो सकता है कि आपके पैरो और जांघो में दर्द और जकड़न हो. इसका कारण लम्बे समय से सुस्त पड़ी मसल्स हैं. थोड़ा थोड़ा करके रस्सी कूदने की संख्या और समय बढाइये, कुछ ही दिनों में आपके पैरो और शरीर के निचले भाग की मसल्स मजबूत और फड़कती हुई नजर आने लगेंगी.

रस्सी कूदने के नियम, सही तरीका 

  • रस्सी कूदने का सही समय सुबह के समय या शाम 4-8 बजे है
  • अगर आपको रस्सी कूदने का अभ्यास नहीं है या आपने पहले कभी रस्सी नहीं कूदा है तो शुरुआत कम गिनती से करें।
  • एक दिन में 30-50 बार रस्सी कूदने से शुरु करें। कुछ दिन के बाद जब यह आपके लिए आसान हो जाये तो 75-100 बार रस्सी कूदें। धीरे-धीरे एक दिन में 300 बार तक रस्सी कूदना कर सकते हैं.
  • दूसरा तरीका ये है कि शुरू में रोजाना 3-4 मिनट कूदने से स्टार्ट करें, फिर धीरे-धीरे 1.5-2 महीने में कूदने का समय 15-25 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
  • ध्यान दें कि रस्सी कूदते समय जब सांस फूलने लगे तो रस्सी कूदना बंद कर दें। 1-2 मिनट का ब्रेक लें, खुद को रीलैक्स करके फिर स्टार्ट करें।
  • एक स्पीड में रस्सी कूदें जिससे हार्ट रेट एक सी बनी रहे।
  • रस्सी कूदने से कुछ देर पहले थोड़ा पानी पी लें, नहीं तो कूदने के बीच प्यास लग सकती है। रस्सी कूदते हुए और कूदने के तुरंत बाद पानी न पियें। अगर पीना ही पड़ें तो 1-2 घूंट से ज्यादा न पियें।
  • कूदने की रस्सी बहुत लम्बी न हो, नहीं तो वो जमीन से टकराकर उलझ सकती है और बहुत छोटी भी न हो क्योंकि फिर वो पैरों में फंस सकती है।
  • रस्सी की लंबाई अपनी लंबाई से कम से कम 3 फुट अधिक होनी चाहिए।
  • अगर लड़कियों को रस्सी कूदते समय स्तन (Breast) के मूवमेंट से Uncomfortable महसूस होता है तो उन्हे Sports Bra पहनकर रस्सी कूदना चाहिए।
  • C Section Delivery हो या नॉर्मल डिलीवरी, आपको कम से कम इसके 6-8 हफ्ते बाद से ही रस्सी कूदना शुरू करना चाहिए। पहले एक हफ्ता तक रोज केवल 20-50 बार रस्सी कूदें। अगर इससे कोई भी दर्द या समस्या न हो तो दूसरे हफ्ते से धीरे-धीरे कूदने के नंबर बढ़ा सकते हैं।
बाज़ार में आजकल ऐसी भी रस्सियाँ मिलती हैं जोकि रस्सी कूदने की गिनती भी करती है।

FAQ | रस्सी कूदने से जुड़े कुछ सवाल-जवाब

Q: क्या पतले लोगों का रस्सी कूदने से वजन कम होता है ?

A: अगर पतले लोग अच्छी, सेहतमंद डाइट का सेवन करते है तो रस्सी कूदने से उनकी मसल्स का विकास होता है, शरीर सुगठित बनता है और वजन कम नहीं होता है।

Q: रस्सी कूदने से कितने दिन में वजन कम होता है ?

A: 4 से 6 हफ्ते में असर दिखने लगता है

Q: 1 दिन में कितनी रस्सी कूदने चाहिए ?

A: 5 मिनट से लेकर 20 मिनट तक कूदना चाहिए।

Q: क्या रस्सी कूदने से लंबाई बढ़ती है ?

A: नियमित रस्सी कूदने और सही डाइट से 21 वर्ष तक के लोगों में हाइट बढ़ना देखा गया है। इससे अधिक उम्र के लोगों में संभावना कुछ कम होती है।

Q: क्या रस्सी कूदने से पेट कम होता है ?

A: जी हाँ, रस्सी कूदने से शरीर में जमा फैट (चर्बी) कम होती है।

Q: खाना खाने के बाद रस्सी कूदने से क्या होता है ?

A: पेट में दर्द, अपच की समस्या हो सकती है। नाश्ते के 1-2 घंटे बाद, लंच/डिनर के 3-4 घंटे बाद रस्सी कूदना चाहिए।

Q: कूदने वाली रस्सी का प्राइस क्या है ?

A: 50 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक।

रोप स्किपिंग Benifits:

सभी खेलो से जुड़े Players और Health के लिए active लोग रस्सी कूदने (Skipping in hindi) के लाभ जानते है और इसे अपनी Regular exercise में शामिल करते हैं. आगे हम रस्सी कूदने की एक्सरसाइज के फायदे (Skipping benefits) और रस्सी कूदने का तरीका जानेंगे.

(Rope Jumping) रस्सी कूदना मेरे बचपन में लड़कियों का एक जरुरी खेल हुआ करता था, जैसे कि लड़के चोर-पुलिस का खेल खेलते ही थे. यह बिलकुल सस्ता और आसान खेल था. खेल के साथ ही रस्सी कूदना एक गज़ब की Exercise भी है.

लगातार रस्सी कूदना, आगे और पीछे की दिशा में रस्सी कूदना जैसी कई तरह की ट्रिक थीं इस खेल में.

रस्सी कूदने के लिए सिर्फ एक रस्सी चाहिए होती थी जिसके अंत में हैंडल होते थे. लेकिन हैंडल न हो तो भी कोई टेंशन नहीं जी. आजकल तो शायद ही छोटे शहरों या कस्बो के बच्चों में यह खेल बचा हो.

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