“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers…

An Initiative by: Kausik Chakraborty.

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नोक्टुरिया अर्थात रात के समय पेशाब आना, मूत्राशय की नहीं, ह्रदय की कमज़ोरी का लक्षण है।

एक प्रसिद्ध चिकित्सक बताते हैं कि नोक्टुरिया वस्तुतः हृदय और मस्तिष्क के रक्त प्रवाह में अवरोध का लक्षण है। प्रौढ़ और बुज़ुर्ग लोगों को सबसे अधिक परेशानीदय होता है क्योंकि उन्हें रात को पेशाब करने के लिए बार-बार उठना पड़ता है। नींद खराब होने के डर से बुज़ुर्ग रात को सोने से पहले पानी पीने से कतराते हैं। वे सोचते हैं कि पानी पियेंगे तो पेशाब के लिए बार-बार उठना पड़ेगा। वे नहीं जानते कि सोने से पहले या रात को पेशाब करने के बाद पानी नहीं पीना प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों में अक्सर होने वाले प्रातःकालीन हृदयाघात या पक्षाघात का एक महत्वपूर्ण कारण है। वास्तव में, नोक्टुरिया अर्थात बार-बार पेशाब आना मूत्राशय की शिथिलता की समस्या नहीं है। यह बुजुर्गों में आयु के साथ घटने वाली दिल की कार्य क्षमता के कारण होता है, क्योंकि दिल शरीर के निचले भाग से रक्त चूसने में पर्याप्त समर्थ नहीं रहता।

ऐसी स्थिति में दिन में जब हम खड़ी स्थिति में होते हैं, रक्त का प्रवाह नीचे की ओर अधिक होता है। यदि दिल कमज़ोर है, तो हृदय में रक्त की मात्रा अपर्याप्त हो जाती है और शरीर के निचले भाग पर दबाव बढ़ जाता है। इसीलिए प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों को दिन के समय शरीर के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है । जब वे रात में लेटते हैं तो शरीर के निचले भाग को दबाव से राहत मिलती है और इस तरह ऊतकों में बहुत सारा पानी जमा हो जाता है। यह पानी ख़ून में वापस आ जाता है। यदि बहुत अधिक पानी है, तो गुर्दों को पानी को अलग करने और मूत्राशय से बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। नोक्टुरिया का यही एक प्रमुख कारण है।

इसलिए आमतौर पर सोने के लिए लेटने के बाद और पहली बार टॉयलेट जाने के बीच में लगभग तीन या चार घंटे लगते हैं। उसके बाद जब रक्त में पानी की मात्रा फिर बढ़ने लगती है, तो तीन घंटे बाद फिर से टॉयलेट जाना पड़ता है।

अब सवाल उठता है कि यह ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटेक का एक महत्वपूर्ण कारण क्यों है?

इसका जवाब यह है कि दो या तीन बार पेशाब करने के बाद, रक्त में पानी बहुत कम हो जाता है। सांस लेने से भी शरीर का पानी कम होता है। इसके चलते रक्त गाढ़ा और चिपचिपा होने लगता है और नींद के दौरान हृदय गति धीमी हो जाती है। गाढ़े रक्त के और धीमे रक्त-प्रवाह के कारण संकुचित रक्त-वाहिका आसानी से अवरुद्ध हो जाती है…

यही कारण है कि प्रौढ़ और बुजुर्ग लोगों को हमेशा सुबह 5-6 बजे के आसपास हृदयाघात या पक्षाघात होता पाया जाता है। इस स्थिति में नीन्द में ही उन की मृत्यु हो जाती है।

हर किसी को बताने के लिए पहली बात यह है कि नोक्टुरिया मूत्राशय की खराबी नहीं है, यह उम्र बढ़ने की समस्या है।

हर किसी को बताने के लिए दूसरी बात यह है कि बिस्तर पर जाने से पहले आपको गुनगुना पानी पीना चाहिए, और रात को पेशाब करने के लिए उठने के बाद भी फिर गुनगुना पानी पीना चाहिए।

नोक्टुरिया से डरो मत। खूब पानी पियो, क्योंकि पानी न पीना आपकी जान ले सकता है।

तीसरी बात यह है कि दिल की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आपको सामान्य समय में अधिक व्यायाम करना चाहिए। मानव शरीर एक ऐसी मशीन नहीं है, जो ज्यादा इस्तेमाल होने पर खराब हो जाएगी, उलटे यह जितना अधिक इस्तेमाल होगा, उतना ही ज्यादा मजबूत होगा। अस्वास्थ्यकर भोजन, विशेष रूप से ज्यादा स्टार्च वाले और तले हुए खाद्य पदार्थ, न खाएं।

मेरा अनुरोध है कि इस लेख को अपने प्रौढ़ और बुजुर्ग मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।

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