Physico-organism-vegetation-archaeologist Jagadish Chandra Bose
Born – November 30, 1858;
Death – November 23, 1937
Dr. Jagadish Chandra Bose was a famous scientist of India who had deep knowledge of physics, biology, botany and archaeology। He was the first scientist who worked on the optics of radio and micro waves। He made many important discoveries in botany। Also, he was the first scientific researcher of India। He was the first scientist from India to obtain an American patent। He is considered the father of radio science।
He never won a Nobel for his work। In his place, Marconi was awarded the Nobel Prize in 1909।
In 1917, Jagadish Chandra Bose was awarded the title of “Knight” (Knight) and was soon elected Fellow of the Royal Society London for Physics and Biology। Bose did his entire research work without any good (expensive) equipment and laboratory, so Jagadish Chandra Bose was thinking of building a good laboratory। “The “Bose Institute” (Bose Science Temple) is the result of this thinking।
भौतिक-जीव-वनस्पति-पुरातत्व विज्ञानी जगदीश चंद्र बोस
जन्म- 30 नवंबर, 1858;
मृत्यु- 23 नवंबर, 1937
डॉ. जगदीश चंद्र बोस भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। वनस्पति विज्ञान में उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण खोजें की। साथ ही वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे। वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने एक अमरीकन पेटेंट प्राप्त किया। उन्हें रेडियो विज्ञान का पिता माना जाता है।
उन्होंने अपने काम के लिए कभी नोबेल नहीं जीता। इनके स्थान पर 1909 में मारकोनी को नोबेल पुरस्कार दे दिया गया।
1917 में जगदीश चंद्र बोस को “नाइट” (Knight) की उपाधि प्रदान की गई तथा शीघ्र ही भौतिक तथा जीव विज्ञान के लिए रॉयल सोसायटी लंदन के फैलो चुन लिए गए। बोस ने अपना पूरा शोधकार्य बिना किसी अच्छे (महंगे) उपकरण और प्रयोगशाला के किया था, इसलिए जगदीश चंद्र बोस एक अच्छी प्रयोगशाला बनाने की सोच रहे थे। “बोस इंस्टीट्यूट” (बोस विज्ञान मंदिर) इसी सोच का परिणाम है।