“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers…

An Initiative by: Kausik Chakraborty.

“The Knowledge Library”

Knowledge for All, without Barriers……….
An Initiative by: Kausik Chakraborty.

The Knowledge Library

सच्चाई-ईमानदारी

एक व्यक्ति ने छोटे स्तर से काम शुरू किया और अपनी कंपनी का टर्नओवर करोड़ों तक पहुंचा दिया। यह सब उसकी सच्चाई, ईमानदारी, लगन और मेहनत का प्रतिफल था।
वृद्धावस्था में जब वह काम से रिटायर होना चाहता था, तब उसने अपनी कंपनी के ही ईमानदार अधिकारियों में से किसी को कंपनी प्रमुख बनाने का फैसला किया।
लेकिन कौन वास्तव में सच्चा और ईमानदार है, यह परीक्षा लेना बहुत जरूरी था। एक दिन उसने सभी अधिकारियों को बुलाया और उन्हें कुछ बीज दिए – ये बीज घर ले जाओ, इन्हें गमले में बोकर खाद, पानी, रोशनी आदि देकर इनकी अच्छी तरह देखभाल करो। एक महीने बाद जिसका पौधा सबसे अच्छा होगा, उसे ही कंपनी प्रमुख बनाया जाएगा।
सभी लोग खुशी-खुशी बीज ले गए।
एक महीने बाद फैसले का दिन आया। सभी अधिकारी गमला
लेकर आए थे, उनके गमलों में पौधे लहरा रहे थे।? लेकिन उनमें से एक अधिकारी सुरेश के गमले में पौधा नहीं था। उसमें मीथी, खाद थे, लेकिन पौधा नदारद था। सारे अधिकारी उसका मजाक उड़ाने लगे। कंपनी प्रमुख ने सभी के गमले बारी-बारी से देखे। जब सुरेश की बारी आई, तो उसने बुझे मन से गमला आगे कर दिया और कहा, मैंने सारे यत्न किए, लेकिन पौधा नहीं उग सका।
अंत में कंपनी प्रमुख ने जब नए प्रमुख की घोषणा की तो सभी चौंक उठे, क्योंकि वह नाम सुरेश का था।
कंपनी प्रमुख ने कहा, मैंने आप सब लोगों को जो बीज दिए थे, वे उबले हुए थे। यानी उनसे पौधा नहीं उग सकता था।
सच्चाई और ईमानदारी की इस परीक्षा में सुरेश ने बाजी मार ली।
कथा मर्म :किसी को धोखा देकर आप भले ही कुछ हासिल कर लें, लेकिन अंतत: जीत सच्चाई और ईमानदारी की ही होती है..!!

Sign up to Receive Awesome Content in your Inbox, Frequently.

We don’t Spam!
Thank You for your Valuable Time

Share this post

error: Content is protected !!