अब कोई आपसे पूछता है कि आग का रंग क्या होता है? तो आप क्या जवाब देंगे. कई लोग कहेंगे कि जो जलता है वो आग है. लेकिन अगर आपको गौर से देखेंगे को आग में भी कई रंग होते हैं. जैसे घर के चूल्हे में जलने वाले आग का रंग नीला जैसा होता है. वहीं लकड़ी पर जलने वाले आग का रंग पीला होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आग के कई रंग होते हैं. इन रंगों को देखकर कोई भी इंसान उसके तापमान के बारे में बता सकता है. बता दें कि आग का कलर ही उसके टेंपरेचर की जानकारी देता है.
कैसे पता चलेगा आग का रंग
आज हम आपको आग के अलग-अलग रंगों का मतलब बताएंगे. बता दें कि किसी भी आग का टेंपरेचर जानने के लिए आपको उसके कलर पर ध्यान देना होगा. जैसे घर में गैस जलने वाली आग का रंग, लकड़ी जलने वाले आग का रंग, पेट्रोल जलने वाली का रंग बिल्कुल अलग-अलग होता है. आज हम आपको आग के सभी रंगों के बारे में बताएंगे.
आग के रंग से उसका तापमान का कनेक्शन
बता दें कि अगर आग का कलर लाल है और सघनता कम है. ऐसे में आग का टेंपरेचर 500 डिग्री सेंटीग्रेड से कम हो सकता है. इसके अलावा लाल रंग की अग्नि का टेंपरेचर 525 से 900 डिग्री सेंटीग्रेड तक हो सकता है. वहीं अगर आग का कलर ऑरेंज और चमकदार लाल है, तो तापमान 1000 डिग्री सेंटीग्रेड तक हो सकता है. अगर आपको ऑरेंज कलर की आग और इसमें पीला रंग भी दिखाई दे रहा है, तो आग का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा सकता है.
तापमान के कारण बदलता है रंग
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आग का रंग उसके तापमान के मुताबिक बदलता है. जैसे अगर आग का कलर पीला और सफेद है, तो उसका तापमान 1300 से 1500 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा सकता है. वहीं अगर आपको आग का कलर नीला दिखाई दे रहा है, तो उसका तापमान 2500 से 3000 डिग्री सेंटीग्रेड तक जा सकता है. बता दें कि बैगनी रंग की आग सबसे तेज होती है. बैंगनी रंग की आग का तापमान 3000 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा जा सकता है. अब आप समझ गए होंगे कि आग का रंग क्यों बदलता रहता है.
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